शिमला: हिमाचल प्रदेश लगातार हो रही भारी बारिश की चपेट में है, जिससे पूरे राज्य में हालात गंभीर बने हुए हैं। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है, जबकि यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। राज्य में 5 राष्ट्रीय राजमार्गों समेत कुल 1334 सड़कें बंद हो गई हैं और मंडी-कुल्लू क्षेत्र में 2000 से अधिक वाहन फंस गए हैं।
किन इलाकों में सबसे ज्यादा खतरा?
मौसम विभाग ने चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिलों में गरज और वज्रपात के साथ अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी (‘रेड अलर्ट’) जारी की है। वहीं, शिमला, मंडी, सोलन, सिरमौर, किन्नौर और लाहौल-स्पीति के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ है। लगातार हो रहे भूस्खलन ने स्थिति को और भी विषम बना दिया है।
यातायात व्यवस्था ठप, हज़ारों फंसे
भूस्खलन के कारण शिमला-कालका रेल सेवा 5 सितंबर तक स्थगित कर दी गई है। सड़क मार्ग भी बुरी तरह प्रभावित हैं। एनएच-3, एनएच-5, एनएच-305, और एनएच-707 सहित प्रमुख हाइवे बंद पाए गए हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 289 सड़कें बंद हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंडी और कुल्लू में फंसे वाहनों में सवार यात्रियों और पर्यटकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
5000 तीर्थयात्री फंसे, किसानों पर मार
चंबा जिले में लगभग 5000 मणिमहेश तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। इस यात्रा पर अब तक 16 लोगों की दुखद मौत की सूचना है। इस आपदा का सबसे गहरा असर स्थानीय किसानों पर पड़ा है। सेब के किसान अपनी फसल को समय पर बाजार तक नहीं पहुंचा पा रहे हैं, जिससे उन्हें भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ रहा है।
स्कूल बंद, बिजली-पानी की आपूर्ति प्रभावित
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आदेश के बाद शिमला, कांगड़ा, सिरमौर, ऊना, बिलासपुर, चंबा सहित नौ जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं। बीते 24 घंटे में बिलासपुर के नैना देवी में 200 मिमी बारिश दर्ज की गई। राज्य भर में 3263 बिजली ट्रांसफार्मर और 858 जलापूर्ति योजनाएं बाधित हैं, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है।
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले घंटे और भी चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।