बिहार की राजनीति में इन दिनों गर्माहट बढ़ती जा रही है। पश्चिम चंपारण से बीजेपी सांसद डॉ. संजय जायसवाल ने जन सुराज पार्टी के संस्थापक और पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (PK) को कानूनी नोटिस भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया है कि किशोर ने उनके खिलाफ निराधार और मानहानिकारक बयान दिया है।
क्या है पूरा मामला?
प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि संजय जायसवाल ने बेतिया में छावनी रेलवे ओवरब्रिज का एलाइनमेंट एक पेट्रोल पंप के लिए बदलवाया। इस आरोप को जायसवाल ने पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि यह जनता को गुमराह करने की कोशिश है।
सांसद ने स्पष्ट किया कि जो मार्ग आज मौजूद है, वही राष्ट्रीय राजमार्ग था और पुल उसी पर बना है। उन्होंने PK को 15 दिन का समय दिया है कि या तो वह सबूत पेश करें या सार्वजनिक रूप से माफी मांगें, अन्यथा उनके खिलाफ मुकदमा दायर किया जाएगा।
‘राजनीति को धंधा बना चुके हैं PK’
संजय जायसवाल ने अपने बयान में कहा,
“राजनीति में कई लोग व्यवसाय करते हैं, लेकिन प्रशांत किशोर अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने राजनीति का धंधा बना लिया है। अपने काम को चमकाने के लिए वे जनप्रतिनिधियों पर झूठे आरोप लगाते हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि वह किसी भी राजनीतिक धंधेबाज के झूठे आरोपों से डरने वाले नहीं हैं और यही वजह है कि उन्होंने कानूनी रास्ता अपनाया है।
क्या होगा आगे?
अब सारा दारोमदार प्रशांत किशोर के अगले कदम पर है। अगर वे सबूत पेश करते हैं तो मामला नया मोड़ ले सकता है, लेकिन अगर ऐसा नहीं हुआ तो BJP सांसद ने साफ चेतावनी दी है कि वह कानूनी कार्रवाई कर PK को जेल तक भिजवाने से पीछे नहीं हटेंगे।