क्रिकेट की दुनिया में बिहार ने नया कीर्तिमान स्थापित किया है। दरभंगा जिले के मकरंदा गांव (मनीगाछी प्रखंड) के रहने वाले अरविंद आचल ने बिहार का नाम रोशन कर दिया है। वे बिहार के पहले क्रिकेट अंपायर बन गए हैं जिन्हें इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) के डेवलपमेंट अंपायर पैनल में शामिल किया गया है। अब वे आईसीसी के टूर्नामेंट और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में अंपायरिंग करते नजर आएंगे।
25 साल की कठिन साधना से मिला मुकाम
अरविंद आचल का सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने खिलाड़ी या कोच बनने के बजाय अंपायरिंग का रास्ता चुना, जो अक्सर अनदेखा रह जाता है। पिछले 25 वर्षों तक छोटे-छोटे मैचों में अंपायरिंग करते हुए उन्होंने खेल के नियमों और जिम्मेदारियों को बारीकी से सीखा। निरंतर मेहनत और समर्पण ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाया। हाल ही में उन्होंने स्विट्ज़रलैंड बनाम एस्टोनिया T20 सीरीज (टालिन, एस्टोनिया) में अंपायरिंग कर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डेब्यू किया।
मिथिला और बिहार में जश्न का माहौल
अरविंद की इस उपलब्धि से न केवल उनका परिवार बल्कि पूरा मिथिला और बिहार गर्वित है। उनके पिता तुन्तुन झा ने बेटे की इस सफलता को परिवार का सपना पूरा होना बताया। गांव में खुशी का माहौल है और युवाओं के लिए अरविंद प्रेरणा का स्रोत बन गए हैं।
विशेषज्ञों की राय
क्रिकेट विशेषज्ञ मानते हैं कि यह उपलब्धि ऐतिहासिक है, क्योंकि अब तक कोई भी अंपायर बिहार से अंतरराष्ट्रीय पैनल में जगह नहीं बना पाया था। अरविंद की कहानी यह संदेश देती है कि जुनून और निरंतरता से सपने पूरे किए जा सकते हैं। यह बिहार के युवाओं को भी बताता है कि खेलों में केवल खिलाड़ी बनकर ही नहीं बल्कि अंपायर, कोच और आयोजक बनकर भी पहचान बनाई जा सकती है।