पटना जिले के खिलाड़ी संजीव कुमार ने बिहार का नाम खेल जगत में स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कर दिया है। उन्होंने पारंपरिक भारतीय खेल आत्या पात्या (Atya Patya) में 9th South Asian Atya Patya Championship 2025 में गोल्ड मेडल जीतकर नया रिकॉर्ड बनाया। इस जीत के साथ वे बिहार के पहले खिलाड़ी बन गए हैं जिन्होंने इस खेल में स्वर्ण पदक हासिल किया।
बचपन से खेल के प्रति जुनून
संजीव कुमार ने बचपन से ही आत्या पात्या खेलना शुरू किया था। निरंतर अभ्यास और मेहनत के बल पर वे राष्ट्रीय स्तर से अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचे। चैंपियनशिप में उनके बेहतरीन प्रदर्शन ने भारत को स्वर्ण पदक दिलाया और बिहार का गौरव बढ़ाया।
संजीव कुमार की प्रतिक्रिया
गोल्ड मेडल जीतने के बाद संजीव कुमार ने कहा—
“यह जीत मेरे राज्य बिहार और भारत देश को समर्पित है। मेरा सपना है कि आत्या पात्या जैसे पारंपरिक भारतीय खेल को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले और ज्यादा से ज्यादा खिलाड़ी इससे जुड़ें।”
बिहार में खेल की स्थिति
हालांकि बिहार में आत्या पात्या (जिसे स्थानीय भाषा में चिक्का भी कहा जाता है) अभी लोकप्रिय नहीं है। संजीव कुमार का मानना है कि अगर सरकार और समाज का सहयोग मिले तो यह खेल बिहार में भी बड़े स्तर पर खेला जा सकता है और नई पीढ़ी इसे अपनाएगी।
खुशी की लहर
संजीव कुमार की इस ऐतिहासिक जीत से पूरे बिहार में खेल प्रेमियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई है। यह उपलब्धि आने वाले खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा साबित हो रही है।