पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाली बिहार सरकार ने महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए एक नई वित्तीय योजना शुरू की है। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने मंगलवार को घोषणा की कि राज्य के 1.40 करोड़ से अधिक जीविका समूह से जुड़ी महिलाएं अब सस्ती ब्याज दरों पर ऋण प्राप्त कर सकेंगी। इसके लिए “बिहार राज्य जीविका निधि क्रेडिट कोऑपरेटिव यूनियन” की स्थापना की गई है, जिसे शुरुआती तौर पर 105 करोड़ रुपये की पूंजी से लॉन्च किया गया है।
ग्रामीण उद्योग और छोटे कारोबार को मिलेगा बढ़ावा
जीविका से जुड़ी महिलाएं पहले से ही कुटीर और सूक्ष्म उद्योगों के जरिए लगभग 56,000 करोड़ रुपये का टर्नओवर हासिल कर चुकी हैं, जो राज्य के जीएसटी संग्रह में महत्वपूर्ण योगदान देता है। लेकिन अब तक उन्हें महंगे ब्याज दरों वाले संस्थानों पर निर्भर रहना पड़ता था। नई योजना के तहत उन्हें स्थानीय स्तर पर ही सस्ती दरों पर लोन मिलेगा, जिससे उनके कारोबार को विस्तार और मजबूती मिलेगी।
महिलाओं की आर्थिक आज़ादी पर जोर
उपमुख्यमंत्री चौधरी ने कहा कि “जब महिलाएं मज़बूत होंगी, तब परिवार और समाज भी मज़बूत होगा।” उन्होंने बताया कि यह योजना ग्रामीण महिलाओं को न सिर्फ आर्थिक आज़ादी दिलाएगी, बल्कि उन्हें अपने गांवों में उद्यमी और नेतृत्वकर्ता की नई पहचान भी देगी।
बिहार में महिलाओं के लिए पहले से लागू योजनाएँ
बिहार सरकार लगातार महिलाओं के सशक्तिकरण पर काम कर रही है।
- पंचायत चुनावों में महिलाओं को 50% आरक्षण
- शिक्षक और पुलिस भर्ती में 35% आरक्षण
- राज्य की पुलिस फोर्स में सर्वाधिक महिला कर्मचारी
- दो लाख से अधिक महिलाएं शिक्षक पद पर कार्यरत
हाल ही में सरकार ने महिलाओं को 2 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद देने की एक और योजना शुरू की थी, ताकि वे स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़ सकें।