कर्नाटक के प्रसिद्ध धर्मस्थल मंदिर और उसके आसपास के इलाकों में मानव कंकालों की बरामदगी का सिलसिला जारी है। SIT द्वारा 11वीं संदिग्ध जगह से मिले मानव अवशेषों ने राज्य को एक बार फिर झकझोर दिया है। इन अवशेषों में खोपड़ी के टुकड़े, हड्डियां और साड़ी का कपड़ा शामिल है। चौंकाने वाली बात यह है कि एक और नाबालिग लड़की के दफन होने का दावा किया गया है।
29 जुलाई से चल रही है खुदाई, 11वें स्थान पर मिला कंकाल
SIT ने अब तक कुल 13 स्थानों की पहचान की थी, जिनमें से 10 की जांच पूरी हो चुकी है। छठे स्थान पर मिले अवशेषों के बाद 11वीं जगह से कंकाल का मिलना मामले को और गहराता है।
पूर्व सफाईकर्मी, जो अब इस केस का मुखबिर है, ने एसआईटी को बंगलगुड्डे इलाके में एक पेड़ के नीचे कंकाल दिखाया। यहां एक खोपड़ी, हड्डियां और गांठ बंधी साड़ी का टुकड़ा मिला। यह सब 11वीं जगह से महज 100 मीटर की दूरी पर पाया गया।
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मुखबिर के आरोप ने उगले पुराने राज
मुखबिर ने दावा किया है कि उसे धमकी देकर धर्मस्थल और उसके आसपास के जंगलों में शव दफनाने के लिए मजबूर किया गया। उसका आरोप है कि पिछले 20 वर्षों में कई महिलाएं और नाबालिग यौन हिंसा और हत्या का शिकार बनीं, और उनके शव गुपचुप तरीके से दफनाए गए।
SIT को इससे पहले 31 जुलाई को भी नेत्रावती नदी के किनारे मानव अवशेष मिले थे। इन सभी कंकालों को फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेजा गया है ताकि मृतकों की उम्र, लिंग और मौत की वजह पता चल सके।
जयंत टी ने किया सनसनीखेज दावा
इस केस में नया मोड़ तब आया जब सामाजिक कार्यकर्ता जयंत टी ने वर्ष 2002-2003 की एक घटना का हवाला देते हुए एक नाबालिग लड़की के शव को पुलिस द्वारा जंगल में दफनाने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के शव को स्टेट हाईवे-37 के पास दफनाया गया था। उन्होंने गवाहों और ऑटो चालक की भी जानकारी दी है, जिसने सबसे पहले पुलिस को सूचित किया था।
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पुलिस रिकॉर्ड से गायब दस्तावेज़, जांच जारी
SIT ने 1995 से 2014 के बीच की अप्राकृतिक मृत्यु रिपोर्ट इकट्ठा की हैं, लेकिन बेल्थांगडी पुलिस स्टेशन से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज गायब मिले हैं। SIT प्रमुख प्रोनब मोहंती की अगुवाई में जांच जारी है और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए हर कदम गोपनीय तरीके से उठाया जा रहा है।
बेल्थांगडी थाना परिसर में हेल्पलाइन और सूचना डेस्क भी बनाई गई है ताकि आम जनता इस मामले से जुड़ी जानकारी दे सके।


