पटना: बिहार सरकार की ओर से युवाओं को रोज़गार उपलब्ध कराने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम—“Mega Job Fair-2025”—पटना में धमाकेदार शुरुआत के साथ शुरू हुआ। गुरुवार को डशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में आयोजित इस जॉब फेयर का उद्घाटन श्री दीपक आनंद, श्रम संसाधन विभाग के सचिव ने किया।
इस अवसर पर श्री आलोक कुमार (विशेष सचिव, श्रम संसाधन विभाग), श्री राजेश भारती (श्रम आयुक्त एवं बिहार कौशल विकास मिशन के अतिरिक्त सीईओ) और श्री मनीष शंकर (मिशन निदेशक) समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। अधिकारियों ने इस पहल को “कौशलयुक्त युवाओं और नौकरियां देने वाली कंपनियों के बीच एक सेतु” बताया।
80 से ज्यादा नामी कंपनियों की मौजूदगी
देशभर की 80 से अधिक प्रतिष्ठित कंपनियां इस फेयर में हिस्सा ले रही हैं, जिनमें आईटी, रिटेल, हेल्थकेयर, मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की दिग्गज कंपनियां शामिल हैं। पहले ही दिन 35,000 से ज़्यादा युवाओं ने रजिस्ट्रेशन कर दिखा दिया कि बिहार के नौजवान अपने करियर को लेकर कितने गंभीर हैं। इनमें से कई युवाओं को मौके पर ही इंटरव्यू और शॉर्टलिस्टिंग का अवसर मिला।
रोज़गार के साथ स्किल का भी मूल्यांकन
इस जॉब फेयर की खासियत सिर्फ नौकरियों की पेशकश ही नहीं, बल्कि युवाओं के लिए काउंसलिंग और स्किल असेसमेंट सेशन भी है, जिससे उन्हें यह जानने का मौका मिलेगा कि वे किन क्षेत्रों में सुधार कर सकते हैं। आयोजकों के अनुसार, यह फेयर सिर्फ नौकरी पाने का नहीं, बल्कि खुद को तैयार करने का भी प्लेटफॉर्म है।
सरकार का लक्ष्य: युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना
बिहार सरकार को उम्मीद है कि इस तरह के जॉब फेयर से राज्य में बेरोज़गारी दर में कमी आएगी और युवा आत्मनिर्भर बनेंगे। श्रम संसाधन विभाग ने संकेत दिए हैं कि आगे चलकर इस तरह के फेयर अन्य जिलों में भी आयोजित किए जाएंगे।



