पटना: शारदीय नवरात्रि का आठवां दिन महा अष्टमी के रूप में श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जा रहा है। भक्त मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा कर रहे हैं, जिन्हें पवित्रता और समृद्धि की प्रतीक माना जाता है। इस दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र और शोभन योग का विशेष संयोग बना, जिसे अत्यंत शुभ माना गया।
उपवास और कन्या पूजन की परंपरा
भक्त दिनभर उपवास रखते हैं। कई लोग केवल फलाहार करते हैं, जबकि कुछ निर्जल व्रत का पालन करते हैं। महा अष्टमी पर कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जहां छोटी कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर भोजन और उपहार दिए जाते हैं। मंगलवार को महा नवमी की तैयारियां होंगी, जिसमें हवन, विशेष पूजा और कन्या भोज का आयोजन होगा।
महागौरी का स्वरूप और महत्व
ज्योतिषाचार्य राकेश झा के अनुसार मार्कंडेय पुराण में वर्णित है कि मां महागौरी श्वेत वस्त्र और आभूषण धारण करती हैं। चार भुजाओं वाली मां नंदी बैल पर सवार होती हैं। उनके हाथों में त्रिशूल और डमरू रहता है, जबकि वरमुद्रा से वे भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
मां महागौरी की पूजा से वैवाहिक सुख, मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। मान्यता है कि माता सीता ने भी इस स्वरूप की उपासना कर भगवान राम को प्राप्त किया था।
पूजन सामग्री और प्रसाद का महत्व
महागौरी के पूजन में नारियल, सफेद फूल, दूध, फल, सूखे मेवे, काले चने, पूरी, खीर और हलवा अर्पित किए जाते हैं। मान्यता है कि इन भोगों से मां प्रसन्न होकर भक्तों के दुख दूर करती हैं और घर में सुख-शांति व समृद्धि लाती हैं।



