शारदीय नवरात्रि दिन 3: माँ चंद्रघंटा की पूजा से मिलता है साहस, शांति और समृद्धि

नवरात्रि के तीसरे दिन भक्त माँ चंद्रघंटा की आराधना कर साहस, विनम्रता और आरोग्य की कामना करते हैं।

Savitri Mehta
Sharad Navratri Day 3 Goddess Chandraghanta Worship
Sharad Navratri Day 3 Goddess Chandraghanta Worship (PC: BBN24/Social Media)

पूरे भारत में बुधवार को शारदीय नवरात्रि का तीसरा दिन श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया गया। इस दिन माँ दुर्गा के तीसरे स्वरूप माँ चंद्रघंटा की विशेष पूजा की जाती है, जिन्हें साहस, विनम्रता और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार इस दिन पूजा चित्रा नक्षत्र के साथ इंद्र योग और रवि योग में हुई।

  • ब्रह्ममुहूर्त: सुबह 4:35 से 5:23 बजे तक
  • विजय मुहूर्त: दोपहर 2:14 से 3:02 बजे तक
  • अमृत काल: सुबह 9:11 से 10:57 बजे तक

माँ चंद्रघंटा का स्वरूप और पूजन सामग्री

माँ सिंह पर सवार होती हैं और उनके मस्तक पर अर्धचंद्र सुशोभित रहता है। उनकी आराधना से नकारात्मक शक्तियाँ दूर होती हैं और भक्त को साहस, निर्भीकता और शांति प्राप्त होती है। पूजा में लाल और सफेद पुष्प, धूप एवं इत्र अर्पित करना विशेष फलदायी माना गया है।

भक्तों को क्या मिलते हैं आशीर्वाद

ज्योतिषाचार्य राकेश झा के अनुसार माँ चंद्रघंटा की पूजा करने से अहंकार का नाश होता है, पाप मिटते हैं और भक्त का तेज़ बढ़ता है। इस दिन दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मान-सम्मान, दीर्घायु और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

उन्होंने बताया – “माँ चंद्रघंटा की उपासना से आध्यात्मिक बल, निरोगी जीवन और सुख-समृद्धि मिलती है, जो इस जीवन के साथ अगले जन्म तक साथ देती है।”

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