Bihar में ब्लॉक ऑफिस का कांड! लड़की की जगह ट्रैक्टर की फोटो, नाम रखा ‘सोनालिका कुमारी’

मुंगेर के ब्लॉक ऑफिस ने किया ऐसा ब्लंडर कि पूरे सोशल मीडिया पर मच गया बवाल, लड़की के प्रमाण पत्र में ट्रैक्टर की तस्वीर और गांव का नाम बना 'ट्रैक्टरपुर'

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Bihar Block Office Blunder Tractor Photo Certificate
Bihar Block Office Blunder Tractor Photo Certificate (Source: BBN24/Google/Social Media)

बिहार के मुंगेर जिले में एक अजीबोगरीब और शर्मनाक लापरवाही का मामला सामने आया है, जिसने न सिर्फ सरकारी सिस्टम की पोल खोल दी है बल्कि सोशल मीडिया पर भी हंगामा मचा दिया है। यहां सदर प्रखंड कार्यालय ने एक आवेदिका के निवास प्रमाण पत्र में उसकी जगह ट्रैक्टर की फोटो चिपका दी, और नाम लिखा – ‘सोनालिका कुमारी’

8 जुलाई को जारी इस प्रमाण पत्र में न सिर्फ तस्वीर की जगह सोनालिका ट्रैक्टर की फोटो लगा दी गई, बल्कि पिता का नाम लिखा गया – ‘बेगूसराय चौधरी’, मां का नाम ‘बलिया देवी’, और गांव का नाम बना दिया गया – ‘ट्रैक्टरपुर दियारा’। यही नहीं, पता में लिखा गया – डाकघर कुत्तापुर, वार्ड – 17, पिन कोड – 811202, थाना व प्रखंड – मुफ्फसिल सदर, जिला – मुंगेर।

प्रमाण पत्र नंबर BRCCO/2025/14127367 जैसे ही सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने प्रखंड कार्यालय की कार्यशैली पर सवालों की बौछार कर दी। सोशल मीडिया यूज़र्स ने इस लापरवाही को लेकर ब्लॉक कर्मियों की कार्यकुशलता और सिस्टम की निगरानी पर तीखा कटाक्ष किया।

SDM ने लिया संज्ञान, आदेश जारी

जैसे ही मामला सामने आया, सदर SDM कुमार अभिषेक ने तुरंत संज्ञान लिया। उन्होंने बताया कि इस तरह के फर्जी और भ्रामक प्रमाण पत्र को तुरंत रद्द करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही इस मामले की पूरी जांच के आदेश दिए गए हैं।

SDM के अनुसार, यह आवेदन किस साइबर कैफे से किया गया था, इसकी पड़ताल की जा रही है। आईपी एड्रेस ट्रेस किया जा रहा है और सदर अंचलाधिकारी एवं R.O. को प्रमाण पत्र रद्द करने का निर्देश भी दे दिया गया है।

सवालों के घेरे में सिस्टम

इस लापरवाही ने पूरे जिले के प्रशासनिक तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि यह सिर्फ एक मज़ाक नहीं बल्कि आवेदकों के अधिकारों और ज़रूरतों के साथ खिलवाड़ है। यदि किसी को ये प्रमाण पत्र किसी सरकारी काम में तुरंत चाहिए हो, तो वह क्या करेगा?

लोगों की मांग है कि इस तरह की भूलों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और ब्लॉक ऑफिस की कार्यप्रणाली में सुधार लाया जाए। सोशल मीडिया पर ट्रैक्टर वाली तस्वीर अब मीम्स का केंद्र बन चुकी है और सरकारी सिस्टम की विफलता की मिसाल भी।

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