सर्दियों की शुरुआत के साथ ही वृंदावन के प्रसिद्ध ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर में मौसम के अनुसार सेवाओं और श्रृंगार में बदलाव किए गए हैं। बढ़ती ठंड को देखते हुए ठाकुरजी को अब गर्म कपड़ों का पहनावा पहनाया जा रहा है, ताकि तापमान में गिरावट का असर उन पर न पड़े।
भोग में भी आया परिवर्तन
ठंड के मौसम में ठाकुरजी का भोग विशेष रूप से तैयार होता है। इस समय:
- ड्राई फ्रूट्स
- केसर
- गरमाहट देने वाले व्यंजन
परोसे जा रहे हैं, जिससे शरीर को ऊर्जा और गर्मी मिलती रहे।
“भोग हर मौसम के हिसाब से तय किया जाता है, ताकि ठाकुरजी सदा प्रसन्न रहें।” — सेवायत
फूलों की जगह मोती की माला
सर्दी में फूलों से नमी बढ़ती है, जो ठंड का असर भी बढ़ा सकती है। इसी कारण मंदिर में:
✔️ फूलों की माला का उपयोग फिलहाल बंद
✔️ इसके स्थान पर मोती की सुंदर माला पहनाई जा रही है
यह परंपरा हर साल सर्दियों में निभाई जाती है।
मंदिर की सजावट भी बदली
मंदिर की सजावट में भी इस मौसम में बदलाव किया गया है।
- फूलों का उपयोग बंद
- सजावट अब कपड़ों और गुब्बारों से की जा रही है
- वातावरण शुष्क और आरामदायक बना रहे, इसी पर ध्यान
बाल स्वरूप वाली सेवा परंपरा
ठाकुर बांकेबिहारी की सेवा-पूजा हमेशा से एक बालक के स्वरूप में होती है। जिस तरह घरों में लड्डू गोपाल की देखभाल मौसम के अनुसार की जाती है, ठीक उसी प्रकार मंदिर में भी:
- वस्त्र
- भोग
- श्रृंगार
सब मौसम के अनुसार तय किए जाते हैं।
सेवायत श्रीनाथ गोस्वामी के अनुसार:
“सर्दियों में श्रृंगार में बदलाव की परंपरा हर साल निभाई जाती है। यह ठाकुरजी की सेवा का हिस्सा है।”


