बिहार सरकार अब राज्य की सड़कों पर अपराध और ट्रैफिक अनुशासनहीनता के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में है। Chief Secretary Amrit Lal Meena की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई उच्चस्तरीय बैठक के बाद यह फैसला लिया गया है कि 1 अगस्त 2025 से पूरे राज्य में ‘ऑपरेशन चेकपोस्ट’ (Operation Checkpost) के तहत बड़े पैमाने पर वाहन चेकिंग अभियान शुरू किया जाएगा।
सख्त निर्देश, चौकस प्रशासन
मुख्य सचिव ने विधि-व्यवस्था, ट्रैफिक कंट्रोल और अपराध नियंत्रण को लेकर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि अब कार्रवाई सिर्फ कागजों तक सीमित नहीं रहेगी। हर जिले के डीएम और एसपी को मिलकर एक सख्त एक्शन प्लान तैयार करने को कहा गया है। Nawada और Sheohar जिलों के अधिकारियों ने पहले ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अपना प्लान साझा कर दिया है।
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ये होंगे अभियान के मुख्य बिंदु
- राज्य की सभी प्रमुख सड़कों पर स्थायी चेकपोस्ट बनाए जाएंगे
- बिना हेलमेट चालकों की दोपहिया गाड़ियां की जाएंगी जब्त
- वाहन कागज़ात की नियमित जांच होगी, सिर्फ जुर्माना नहीं—कानूनी कार्रवाई
- CCTV कैमरे सभी सार्वजनिक स्थलों पर अनिवार्य
- लोक अभियोजन (Public Prosecutors) की कार्यप्रणाली पर भी होगी पैनी नजर
पारदर्शिता भी होगी जांच के दायरे में
सरकार सिर्फ ट्रैफिक पर ही नहीं, बल्कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में हो रही गड़बड़ियों को भी टारगेट कर रही है। Ration Card वितरण में अब पारदर्शिता सुनिश्चित की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है।
‘ऑपरेशन चेकपोस्ट’ कितना असरदार होगा?
बिहार सरकार का यह अभियान कानून व्यवस्था को सुधारने की दिशा में एक बड़ा और ठोस कदम माना जा रहा है। सरकार की इस मुहिम से उम्मीद है कि राज्य की सड़कों पर अपराधियों और नियम तोड़ने वालों का सफाया होगा। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि Operation Checkpost कितना सफल होता है और अपराधी सचमुच सलाखों के पीछे पहुंचते हैं या नहीं।



