धनबाद की सबसे लोकप्रिय मिठाई दुकानों में गिनी जाने वाली मधुलिका स्वीट्स ने अचानक अपने सभी पांचों आउटलेट बंद कर दिए। मालिक जयप्रकाश चौरसिया का कहना है कि शहर में बिजनेस करना अब बेहद मुश्किल हो गया है।
हीरापुर-हाउसिंग कॉलोनी आउटलेट की रोजाना 50 हजार की आमदनी
सूत्रों के अनुसार, हीरापुर और हाउसिंग कॉलोनी के आउटलेट की आमदनी रोजाना लगभग 50,000 रुपये होती थी। त्योहारों के दौरान यह आय 70,000 रुपये तक पहुंच जाती थी। यहां करीब 25 स्टाफ काम कर रहे थे, जबकि फैक्ट्री में 40 लोग कार्यरत थे। अचानक बंद होने से सभी कर्मचारी बेरोजगार हो गए।
नगर निगम का एक लाख वाटर टैक्स भी बाकी
नगर निगम ने बताया कि मधुलिका स्वीट्स पर 2019 से अब तक करीब 1 लाख रुपये वाटर टैक्स बकाया था। आउटलेट बंद होने के बाद इस राशि के वसूले जाने की संभावना बेहद कम हो गई है।
जमीन विवाद और चौतरफा दबाव
मालिक जयप्रकाश चौरसिया और उनके भाई अशोक चौरसिया के बीच प्रॉपर्टी विवाद की चर्चा भी तेज है। बताया जा रहा है कि हाल ही में जमीन बिक्री को लेकर मतभेद उभरे थे। साथ ही, प्रशासनिक दबाव और सड़क किनारे बिना नियम वाले फूड स्टॉल्स ने भी व्यापार को प्रभावित किया।
1984 में सिर्फ 1,000 रुपये से हुई थी शुरुआत
मधुलिका स्वीट्स की शुरुआत 1984 में मात्र 1,000 रुपये से हुई थी। धीरे-धीरे यह धनबाद की पहचान बन गई। यहां मिठाई, नमकीन, लस्सी और ड्राई फ्रूट्स तक उपलब्ध थे। ग्राहकों को होम डिलीवरी और टेकअवे जैसी सुविधाएं भी दी जाती थीं।



