गजब हादसा! ऑपरेशन थिएटर में छत तोड़कर डॉक्टर पर गिरा कुत्ता, मरीज और स्टाफ में मचा हड़कंप

धनबाद रेलवे अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान घटी चौंकाने वाली घटना, छत में रहते थे कुत्ते, मरीज शिफ्ट

Rohit Mehta Journalist
Dog Falls On Doctor In Dhanbad Hospital Operation Theater
Dog Falls On Doctor In Dhanbad Hospital Operation Theater (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • ऑपरेशन के दौरान फॉल्स सीलिंग से गिरा कुत्ता
  • स्टाफ अंजलि को आई गंभीर चोट
  • कुत्तों ने बना लिया था छत के ऊपर घर

झारखंड के धनबाद रेलवे अस्पताल से एक ऐसी चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसने पूरे सिस्टम की पोल खोलकर रख दी है। मंगलवार सुबह लगभग 11 बजे ऑर्थो विभाग के ऑपरेशन थिएटर में डॉ. पीआर ठाकुर एक गंभीर सर्जरी में व्यस्त थे, तभी अचानक फॉल्स सीलिंग तेज आवाज के साथ गिर गई और उसके साथ ही एक कुत्ता भी आ गिरा।

सीलिंग गिरने से ऑपरेशन में सहयोग कर रहीं स्टाफ अंजलि गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनके कंधे और गर्दन में चोट आई है। आनन-फानन में ऑपरेशन रोका गया और मरीज को दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया गया। यह घटना न सिर्फ हैरान करने वाली है, बल्कि स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े करती है।

कुत्ते ने बना लिया था ओटी में ठिकाना

जानकारी के मुताबिक, ओटी की छत और फॉल्स सीलिंग के बीच लंबे समय से कुत्तों का बसेरा था। पुराने भवन की वजह से छत पर वेंटिलेशन का बड़ा गैप है, जिससे कुत्ते सीलिंग के ऊपर पहुंच जाते थे। अस्पताल स्टाफ ने पहले भी इसकी शिकायत की थी, लेकिन मरम्मत के बावजूद यह खतरा बना रहा।

दीवार के पास कूड़े के ढेर से चढ़कर कुत्ता वेंटिलेशन के रास्ते ऊपर पहुंच गया था। लोगों का यह भी मानना है कि ऊपर कुत्ते के पिल्ले भी हो सकते हैं, क्योंकि घटना के बाद भी अन्य कुत्तों की आवाजें सुनाई दे रही थीं।

इंजीनियरिंग विभाग की लापरवाही उजागर

घटना की सूचना मिलने के चार घंटे बाद तक भी इंजीनियरिंग विभाग का कोई कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा। यह वही ऑपरेशन थिएटर है जिसका हाल ही में जीर्णोद्धार किया गया था। बावजूद इसके छत की मरम्मत या फॉल्स सीलिंग की मजबूती पर कोई ठोस काम नहीं हुआ।

मरीज और स्टाफ डरे-सहमे

इस घटना के बाद न सिर्फ डॉक्टर और स्टाफ स्तब्ध हैं, बल्कि अस्पताल में भर्ती मरीज और उनके परिजन भी काफी डरे हुए हैं। कई मरीजों ने बताया कि इस अस्पताल में जरा सी जटिलता आते ही उन्हें रेफर कर दिया जाता है। न तो पर्याप्त दवाइयां हैं, न ही पीने का शुद्ध पानी।

100 साल पुराने अस्पताल की हालत जर्जर

धनबाद मंडल रेलवे अस्पताल ने इस साल 100 वर्ष पूरे किए हैं। लेकिन इतनी लंबी सेवा यात्रा के बावजूद यहां की हालत बद से बदतर है। अस्पताल की छतें टपकती हैं, आरओ सिस्टम काम नहीं करता, और अब तो जानवरों का आतंक भी ओटी तक पहुंच चुका है।

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