उपराष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की ताकत और बढ़ गई है। वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (YSRCP) अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी ने भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात के बाद एनडीए उम्मीदवार सी. पी. राधाकृष्णन को समर्थन देने का ऐलान किया। इस फैसले से एनडीए के खाते में सीधे 11 वोट और जुड़ गए हैं।
NDA का आंकड़ा हुआ और मजबूत
वाईएसआर कांग्रेस के पास लोकसभा में 4 और राज्यसभा में 7 सांसद हैं। अब ये सभी वोट एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में जाएंगे। पहले से ही मजबूत स्थिति में दिख रहा एनडीए अब बहुमत से कहीं आगे निकल चुका है।
कांग्रेस का आरोप – “आंध्र प्रदेश के साथ विश्वासघात”
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने X (पूर्व ट्विटर) पर जगनमोहन रेड्डी के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा,
“आंध्र प्रदेश की जनता इस विश्वासघात को कभी नहीं भूलेगी। रेड्डी ने राज्य के हितों को नजरअंदाज कर सीबीआई मामलों के डर से आरएसएस समर्थित उम्मीदवार का साथ दिया है।”
टैगोर ने आगे कहा कि यह लोकतांत्रिक ताकतों के साथ खड़े होने का समय था, लेकिन रेड्डी ने मोदी सरकार के दबाव के आगे आत्मसमर्पण कर दिया।
क्या है उपराष्ट्रपति चुनाव का समीकरण?
- कुल निर्वाचक मंडल: 788 (वर्तमान में 781 सदस्य)
- लोकसभा: 542 सांसद (1 सीट रिक्त)
- राज्यसभा: 239 सांसद (5 सीटें रिक्त, 12 मनोनीत सदस्य भी वोट करेंगे)
- बहुमत का आंकड़ा: 391 वोट
एनडीए के पास पहले से लोकसभा में 293 और राज्यसभा में 125 सांसदों का समर्थन है। अब YSR कांग्रेस के जुड़ने से यह संख्या और बढ़ गई है। अनुमान है कि एनडीए उम्मीदवार को 434 वोट मिल सकते हैं, जबकि विपक्षी INDIA गठबंधन को करीब 320 वोट मिलने की संभावना है।
दक्षिण भारत से दोनों उम्मीदवार
इस बार दोनों ही उम्मीदवार दक्षिण भारत से हैं। राधाकृष्णन तमिलनाडु से आते हैं, जबकि विपक्षी उम्मीदवार रेड्डी का संबंध तेलंगाना से है। विपक्ष अपनी लड़ाई को वैचारिक बता रहा है, लेकिन आंकड़ों के लिहाज से एनडीए का पलड़ा भारी है।



