PM Modi का सख्त संदेश — पाकिस्तान पर कोई मध्यस्थता नहीं, ट्रंप से 35 मिनट की बातचीत में दो टूक

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप से फोन पर बातचीत के दौरान आतंकवाद, ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान को लेकर भारत की सख्त नीति स्पष्ट की।

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Pm Modi No Mediation Pakistan Trump Call
(Source: Google/Social Media Sites)

प्रधानमंत्री Narendra Modi और अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump के बीच बुधवार को 35 मिनट तक टेलीफोन पर बातचीत हुई, जिसमें पीएम मोदी ने पाकिस्तान से जुड़े किसी भी मामले में तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को सख्त रूप से खारिज कर दिया।

Foreign Secretary Vikram Misri ने प्रेस को जानकारी दी कि इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति ट्रंप को बताया कि Operation Sindoor लगातार जारी है और पाकिस्तान की गोलियों का जवाब भारत गोले से देगा।

आतंकवाद के बीच व्यापार वार्ता नहीं होगी: पीएम मोदी

प्रधानमंत्री मोदी ने बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि जब तक आतंकवाद की धमकी बनी रहेगी, भारत किसी भी प्रकार की व्यापारिक वार्ता में भाग नहीं लेगा।

विक्रम मिस्री ने बताया, “प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखेगा और इस समय व्यापार वार्ता का कोई सवाल ही नहीं उठता।”

मोदी ने यह भी याद दिलाया कि 9 मई को अमेरिका के उपराष्ट्रपति JD Vance से हुई बातचीत में उन्होंने पाकिस्तान की संभावित साजिश के बारे में चेताया था। इसके जवाब में भारत ने उसी शाम जवाबी कार्रवाई की, जिसमें पाकिस्तान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया गया।

भारत ने तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को किया खारिज

टेलीफोन बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत कभी भी पाकिस्तान से जुड़े मामलों में किसी बाहरी देश की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करेगा।

उन्होंने कहा, “भारत की नीति स्पष्ट है — पाकिस्तान से जुड़े मुद्दों में कोई तीसरा पक्ष शामिल नहीं होगा। अमेरिका या किसी अन्य देश की कोई भूमिका नहीं है और ना ही होगी।”

G7 समिट में भी मोदी का बड़ा बयान

Canada में आयोजित G7 Outreach Summit के दौरान पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने दोहरे मापदंड अपनाने वाले देशों की आलोचना करते हुए कहा —

“आतंकवाद पर दोहरी नीति की कोई जगह नहीं होनी चाहिए। 22 अप्रैल को Pahalgam में हुआ हमला सिर्फ एक जगह पर हमला नहीं था, बल्कि हर भारतीय की आत्मा, पहचान और गरिमा पर हमला था। यह मानवता पर हमला था।”

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