BRICS में भारत की चाल से घबराया अमेरिका! ट्रंप ने दी खुलेआम धमकी, कहा- डॉलर हटाओ तो लगेगा भारी जुर्माना

डोनाल्ड ट्रंप का भारत समेत BRICS देशों को अल्टीमेटम, बोले- डॉलर के बिना ट्रेड किया तो झेलो 10% एक्स्ट्रा टैक्स

Rohit Mehta Journalist
Donald Trump Threatens India On Brics Trade Without Dollar
Donald Trump Threatens India On Brics Trade Without Dollar (Source: BBN24/Google/Social Media)

रियो डि जनेरियो (ब्राज़ील): BRICS सम्मेलन में जहां भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वैश्विक आर्थिक संतुलन को मजबूत करने के प्रयास में लगे हैं, वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump ने एक चौंकाने वाला बयान देकर नई कूटनीतिक हलचल पैदा कर दी है। ट्रंप ने स्पष्ट कहा है कि यदि BRICS देश अमेरिकी डॉलर के बिना आपसी व्यापार करते हैं, तो उन पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ (Import Duty) लगाया जाएगा।

BRICS में भारत, रूस, चीन, ब्राजील और साउथ अफ्रीका के अलावा अब Egypt, Iran, UAE, Ethiopia और Indonesia जैसे देश भी शामिल हो चुके हैं। ये देश लंबे समय से डॉलर पर निर्भरता खत्म करने की कोशिश में हैं, और अब यह मुद्दा खुले मंच पर चुनौती बनकर सामने आ गया है।

ट्रंप की धमकी और रणनीति क्या है?

ट्रंप का सोशल मीडिया पोस्ट इस समय चर्चा का केंद्र बना हुआ है जिसमें उन्होंने लिखा:
“अगर BRICS देश अमेरिका विरोधी नीतियों के तहत डॉलर को किनारे रखकर व्यापार करते हैं, तो उन्हें इसका आर्थिक परिणाम भुगतना होगा। 10% अतिरिक्त टैरिफ सिर्फ शुरुआत है।”
इसके साथ ही ट्रंप ने इशारा किया कि वे राष्ट्रपति बनने के बाद इन नीतियों को और भी सख्त कर सकते हैं।

डॉलर से दूरी क्यों बनाना चाहते हैं BRICS देश?

दरअसल, अमेरिका ने बीते वर्षों में जिन देशों पर प्रतिबंध लगाए, जैसे Iran (2012) और Russia (2022), उन्हें अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग सिस्टम SWIFT से बाहर कर दिया गया। इस कदम के बाद से BRICS देशों ने महसूस किया कि उन्हें वैकल्पिक वित्तीय व्यवस्था विकसित करनी होगी।
अब China और Russia आपसी व्यापार में अपनी राष्ट्रीय मुद्राओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, और BRICS की नई रणनीति भी इसी दिशा में आगे बढ़ रही है।

BRICS की वैश्विक ताकत क्या है?

  • BRICS देशों में दुनिया की 45% आबादी रहती है
  • ये देश वैश्विक GDP का 35% योगदान करते हैं
  • BRICS में अब 10 देश शामिल हैं – भारत, रूस, चीन, ब्राजील, साउथ अफ्रीका, इथियोपिया, ईरान, मिस्र, UAE और इंडोनेशिया
  • वर्ष 2025 में BRICS का प्रभाव दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को चुनौती देने लगा है

भारत की रणनीति: संतुलन या समर्थन?

भारत BRICS का संस्थापक सदस्य है और उसने हमेशा बहुपक्षीय साझेदारी को बढ़ावा दिया है। लेकिन अमेरिका के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी को देखते हुए Narendra Modi सरकार के लिए अब संतुलन बनाना कठिन होता जा रहा है। एक तरफ उसे BRICS की नई मुद्रा और नीतियों का समर्थन करना है, दूसरी तरफ अमेरिका के साथ व्यापार और सुरक्षा के रिश्ते भी बनाए रखने हैं।

निष्कर्ष: डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद BRICS देशों के फैसले पर वैश्विक नजरें टिक गई हैं। क्या भारत आगे बढ़कर डॉलर-मुक्त व्यापार को स्वीकार करेगा, या अमेरिकी दबाव के आगे कदम पीछे खींचेगा – यह आने वाले समय की बड़ी कूटनीतिक परीक्षा साबित हो सकती है।

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