क्या BJP को मिलेगी पहली महिला राष्ट्रीय अध्यक्ष? निर्मला सीतारमण, डी. पुरंदेश्वरी और वनाथी रेस में सबसे आगे

भाजपा में बदलाव की आहट, महिला नेतृत्व की ओर बढ़ सकता है कदम—तीन दिग्गज नामों की चर्चा जो इतिहास रच सकते हैं

Rohit Mehta Journalist
Bjp First Woman President Race Sitharaman Purandeswari Vanathi
Bjp First Woman President Race Sitharaman Purandeswari Vanathi (Source: BBN24/Google/Social Media)

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) के संगठन में बड़ा बदलाव हो सकता है। पार्टी में नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन की तैयारियां तेज़ हो गई हैं, और इस बार चर्चा है कि BJP इतिहास रचते हुए पहली बार किसी महिला नेता को पार्टी की कमान सौंप सकती है। यह फैसला महिला मतदाताओं को पार्टी से जोड़ने की भाजपा की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में ही खत्म हो गया था, लेकिन उन्हें जून 2024 तक का विस्तार मिला। अब सूत्रों के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों में नए अध्यक्ष का ऐलान हो सकता है। इस रेस में तीन महिला नेताओं के नाम सबसे ऊपर हैं—Nirmala Sitharaman, D. Purandeswari और Vanathi Srinivasan

निर्मला सीतारमण: अनुभव और संगठन में मजबूत पकड़

Nirmala Sitharaman, वर्तमान में वित्त मंत्री और पूर्व रक्षा मंत्री रह चुकी हैं। उन्हें भाजपा के संगठन की गहरी समझ है और केंद्र सरकार में लंबे अनुभव के कारण वे सबसे मजबूत उम्मीदवार मानी जा रही हैं। हाल ही में उन्होंने पार्टी मुख्यालय में JP Nadda और महासचिव BL Santosh के साथ बैठक भी की थी। उनका दक्षिण भारत से होना भाजपा की क्षेत्रीय संतुलन नीति के लिए भी मुफीद माना जा रहा है।

डी. पुरंदेश्वरी: बहुभाषी और अनुभवी नेतृत्व

D. Purandeswari, आंध्र प्रदेश भाजपा की पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं और लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं। वे एक प्रभावशाली वक्ता और बहुभाषी नेता हैं, जिन्हें विभिन्न राजनीतिक दलों में काम करने का अनुभव है। उन्हें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे कूटनीतिक अभियानों में शामिल किया गया, जिससे उनकी अंतरराष्ट्रीय छवि भी मजबूत हुई है।

वनाथी श्रीनिवासन: संगठनात्मक अनुभव और महिला मोर्चा की ताकत

Vanathi Srinivasan, तमिलनाडु की कोयंबटूर दक्षिण से विधायक हैं और भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी रह चुकी हैं। 1993 से भाजपा से जुड़ी वनाथी ने संगठन में कई महत्वपूर्ण पद संभाले हैं। 2022 में वे पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं और ऐसा करने वाली पहली तमिल महिला नेता बनीं।

सूत्रों का कहना है कि RSS (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) ने भी महिला नेतृत्व के विचार को समर्थन दिया है। भाजपा यदि इस कदम को अमल में लाती है, तो यह 33% महिला आरक्षण विधेयक की भावना के अनुरूप होगा। यह कदम न केवल भाजपा के संगठन को मजबूत करेगा, बल्कि महिला मतदाताओं के बीच पार्टी की स्थिति और भी मजबूत करेगा।


राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यदि BJP किसी महिला को शीर्ष नेतृत्व सौंपती है, तो यह केवल एक प्रतीकात्मक कदम नहीं बल्कि पार्टी की रणनीतिक और दीर्घकालिक सोच को दर्शाएगा। आने वाले कुछ दिनों में पार्टी इसपर अंतिम फैसला ले सकती है।

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