तेजस्वी का चिराग पर हमला: “हनुमान बने रहने की क्या मजबूरी है?” — सियासी वफ़ादारी पर उठा बड़ा सवाल

तेजस्वी यादव ने चिराग पासवान को घेरा, कहा – “सिर्फ अफसोस जताने से कुछ नहीं होगा”, नीतीश सरकार के समर्थन पर उठाए गंभीर सवाल

Rohit Mehta Journalist
Tejaswi Yadav Attacks Chirag Paswan Over Nitish Government Support
Tejaswi Yadav Attacks Chirag Paswan Over Nitish Government Support (Source: BBN24/Google/Social Media)

बिहार में राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। चिराग पासवान के नीतीश सरकार पर निशाना साधने के बाद अब तेजस्वी यादव ने पलटवार करते हुए चिराग की राजनीतिक स्थिति और इरादों पर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी ने पूछा — “जिस सरकार का आप हिस्सा हैं, उसी पर अफसोस जता रहे हैं? आखिर ऐसी क्या मजबूरी है जो आपको ‘हनुमान’ बने रहना पड़ रहा है?”

सिर्फ बयानबाज़ी से नहीं चलेगा: तेजस्वी का चिराग को खुला चैलेंज

तेजस्वी यादव ने कहा कि चिराग पासवान केवल बयान देकर खुद को बेबस साबित कर रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि चिराग के साथ उनकी पार्टी का नाम, सिंबल और अस्तित्व तक छीना गया। तेजस्वी बोले, “अगर वो खुद को ‘हनुमान’ कहते हैं, तो फिर ऐसी क्या मजबूरी है कि वो खुलकर नहीं बोल पाते?”

तेजस्वी ने यह भी कहा, “अगर उन्हें मुख्यमंत्री बनना है तो खुलकर बोलिए। सिर्फ दुख जताने से कुछ नहीं होगा।”

चिराग पासवान बोले थे – “अफसोस है इस सरकार का हिस्सा हूं”

बीते शनिवार, एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने बिहार में बढ़ते अपराधों को लेकर नीतीश सरकार पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि उन्हें दुख है कि वह ऐसी सरकार का समर्थन कर रहे हैं जो कानून-व्यवस्था को संभालने में नाकाम है।

उन्होंने कहा, “पुलिस अपराधियों के सामने झुक चुकी है और शासन असहाय है। ऐसे में अफसोस होता है कि मैं इस सरकार का हिस्सा हूं।”

जेडीयू ने भी चिराग पर किया पलटवार

नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने चिराग की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया दी और पूछा कि पहले वो खुद सुनिश्चित करें कि उनकी पार्टी में आपराधिक छवि वाले लोग न हों। यह बयान बिहार की राजनीति में नई खींचतान को जन्म दे रहा है।

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तेजस्वी का संदेश: या तो खुलकर लड़ो या चुप रहो

तेजस्वी यादव का साफ-साफ कहना है कि अब जनता भी देख रही है कि कौन सिर्फ बयानबाज़ी करता है और कौन वास्तव में बदलाव चाहता है। उन्होंने कहा, “हम हर मंच पर बोलते हैं कि हमें मौका चाहिए, हमारे पास रोडमैप है। लेकिन चिराग सिर्फ गठबंधन में रहकर विरोध की नीति अपना रहे हैं।”


बिहार में 2025 के चुनाव नज़दीक हैं और हर नेता अपनी सियासी ज़मीन पक्की करने में लगा है। ऐसे में तेजस्वी और चिराग के बीच यह जुबानी जंग क्या कोई नया मोड़ लाएगी? आने वाले दिनों में सियासत और गरमाएगी, यह तय है।

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