बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीति में एक बड़ा उलटफेर देखने को मिला है। भोजपुरी फिल्मों के पावर स्टार और सिंगर-एक्टर पवन सिंह ने मंगलवार को एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। इसी दौरान उन्होंने राष्ट्रीय लोक मोर्चा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की और आशीर्वाद लेने के लिए उनके पैर छुए। यह मुलाकात दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से चली आ रही तल्खी के खत्म होने का संकेत देती है।
BJP नेताओं की मौजूदगी
इस मौके पर बीजेपी बिहार प्रभारी विनोद तावड़े और नेता ऋतुराज सिन्हा भी मौजूद रहे। तावड़े ने मीडिया से कहा, “पवन सिंह अब बीजेपी में हैं और आगे भी रहेंगे। वे पार्टी कार्यकर्ता की तरह NDA की जीत के लिए काम करेंगे।”
करकट लोकसभा चुनाव का विवाद
गौरतलब है कि 2024 लोकसभा चुनाव के दौरान पवन सिंह और कुशवाहा के बीच खटास खुलकर सामने आई थी। आसनसोल से टिकट नहीं मिलने पर सिंह ने करकट से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर ताल ठोंकी। नतीजा यह हुआ कि एनडीए का वोट बैंक बंट गया और कुशवाहा को भारी हार का सामना करना पड़ा, जबकि सिंह दूसरे स्थान पर रहे। इस रार ने शाहाबाद और मगध के कई इलाकों में एनडीए की स्थिति कमजोर कर दी थी।
जातीय समीकरण और NDA की रणनीति
पवन सिंह की पकड़ राजपूत वोटरों पर मजबूत मानी जाती है, वहीं कुशवाहा का प्रभाव कोइरी समुदाय में है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि दोनों नेताओं का मेल-मिलाप NDA को दक्षिण बिहार में दोबारा जमीन मजबूत करने में मदद कर सकता है।
बढ़ता राजनीतिक तापमान
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, पवन सिंह को आरा या किसी अन्य अहम सीट से BJP टिकट मिल सकता है। इससे पटना सहित पूरे बिहार में सियासी पारा चढ़ गया है।



