पटना: बिहार की राजधानी पटना का वह सपना आखिरकार साकार हो गया, जब मंगलवार सुबह शहर की पहली मेट्रो ट्रेन ने आम जनता के लिए अपनी सेवाएं शुरू कीं। यह दिन न सिर्फ एक नई शुरुआत का प्रतीक बना, बल्कि पटना के शहरी ढांचे में एक ऐतिहासिक कदम भी साबित हुआ।
सुबह से ही हर स्टेशन पर उत्साह और जश्न का माहौल था। परिवारों, छात्रों और बुजुर्गों ने पहली सवारी का आनंद लिया। पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (PMRC) के अधिकारियों के अनुसार, पहले ही दिन करीब 5,000 यात्रियों ने मेट्रो से सफर किया और ₹80,000 की टिकट बिक्री हुई।
4.3 किमी का सफर, नए अनुभव की शुरुआत
पहले चरण में न्यू आईएसबीटी (New ISBT) से भूतनाथ (Bhootnath) तक 4.3 किमी लंबे रूट पर मेट्रो सेवा शुरू की गई। स्टेशनों पर भीड़, सेल्फी लेते यात्री और चमचमाती ट्रेनें इस बात का संकेत थीं कि पटना अब आधुनिक परिवहन व्यवस्था की ओर बढ़ चुका है।
भूतनाथ रोड निवासी आरती कुमारी ने कहा,
“मैं अपने बच्चों को लेकर आई थी, उन्हें बहुत मजा आया। अब मैं ऑटो की जगह मेट्रो से ही जाऊंगी — यह साफ, आरामदायक और शांत है।”
सुबह 8 बजे शुरू हुई सेवा धीरे-धीरे लोकप्रिय होती गई। दोपहर तक ट्रेनें पूरी तरह भरी हुई चल रही थीं। लोगों ने स्टेशन की सफाई, सुरक्षा और आधुनिक सुविधाओं की जमकर सराहना की।
यात्रियों के चेहरे पर गर्व और खुशी
राजेंद्र नगर की शांति देवी बोलीं,
“मैंने कभी नहीं सोचा था कि अपने जीवन में मेट्रो में सफर कर पाऊंगी। अब पटना से कहीं भी जाना आसान हो गया है।”
वहीं पहाड़ी क्षेत्र के बीजेंद्र यादव (65 वर्ष) ने कहा,
“पहले मेट्रो सिर्फ बड़े शहरों में देखी थी, अब पटना में चल रही है तो गर्व महसूस हो रहा है।”
कड़ी सुरक्षा और आधुनिक प्रबंधन
तीनों परिचालन स्टेशनों पर बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस (BSAP) की तैनाती रही। यात्रियों को पूरी सुरक्षा जांच के बाद ही प्रवेश की अनुमति दी गई।
बीएसएपी कर्मियों ने दिल्ली और छत्तीसगढ़ में दो महीने की विशेष ट्रेनिंग ली थी ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके।
टिकट काउंटर और ग्राहक सेवा डेस्क पर दिल्ली से प्रशिक्षित कर्मचारी दो शिफ्टों में तैनात रहे। मेट्रो टिकट की न्यूनतम कीमत ₹15 रखी गई, जिसे कैश या UPI दोनों से भुगतान किया जा सकता है। हालांकि, 45 मिनट से अधिक समय लेने पर कुछ यात्रियों से ₹10 से ₹50 तक का जुर्माना भी वसूला गया।
बिहार ने थामा आधुनिक परिवहन का हाथ
पटना मेट्रो की सफल शुरुआत के साथ बिहार ने आधुनिक शहरी परिवहन की दिशा में एक मजबूत कदम बढ़ाया है।
कई यात्रियों के लिए यह दिन सिर्फ सफर नहीं, बल्कि भविष्य की झलक था।
“यह सिर्फ ट्रेन नहीं है,” एक यात्री ने मुस्कुराते हुए कहा,
“यह पटना का आगे बढ़ना है।”


