बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के साथ ही राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू हो चुकी है। लेकिन इसके बावजूद, पूर्णिया के सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं। उन्होंने वैशाली जिले के सहदेई प्रखंड के गनियारी गांव में कटाव पीड़ितों से मुलाकात के दौरान राहत के रूप में 4-4 हजार रुपये नकद बांटे।
पप्पू यादव ने कहा,
“आचार संहिता है, लेकिन मुझे फर्क नहीं पड़ता। लोग बेघर हो गए हैं और उन्हें देखने वाला कोई नहीं है। मेरे दिए पैसे से ये लोग कम से कम एक तिरपाल तो खरीद सकते हैं, जिससे कुछ दिन गुजार सकें।”
प्रशासन ने लिया गंभीरता से, दर्ज हुई FIR
घटना सामने आने के बाद प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया। महनार एसडीओ नीरज कुमार सिन्हा के निर्देश पर सहदेई बुजुर्ग की सीओ अनुराधा सिंह के आवेदन पर एफआईआर दर्ज की गई है।
आरोप है कि आचार संहिता के दौरान नकद सहायता देना नियमों का उल्लंघन है और यह चुनावी माहौल को प्रभावित कर सकता है।
“मानवता के नाते मदद की” – पप्पू यादव की सफाई
मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए पप्पू यादव ने कहा कि उनका उद्देश्य किसी को प्रभावित करना नहीं था, बल्कि उन्होंने यह कदम “मानवता के नाते” उठाया।
उन्होंने कहा,
“जब लोग अपने घरों से बेघर हो रहे हैं, तब एक जनप्रतिनिधि का कर्तव्य है कि वह उनके साथ खड़ा रहे।”
पीड़ितों ने जताई कृतज्ञता
कटाव पीड़ितों ने पप्पू यादव की मदद की सराहना की और कहा कि मुश्किल समय में मिली यह सहायता उनके लिए राहत लेकर आई। उन्होंने बताया कि दी गई रकम से वे कम से कम जरूरी सामान या तिरपाल खरीद सके।


