नालंदा में जन सुराज में बगावत! पहली लिस्ट के बाद 200 कार्यकर्ताओं ने छोड़ी पार्टी

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की पहली उम्मीदवार लिस्ट जारी होते ही नालंदा में मचा हंगामा, सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने दिया इस्तीफा।

Rohit Mehta Journalist
Nalanda Jan Suraaj Rebellion 200 Workers Resign After First List
Nalanda Jan Suraaj Rebellion 200 Workers Resign After First List (PC: BBN24/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • जन सुराज की पहली लिस्ट जारी होते ही नालंदा में बगावत।
  • 200 कार्यकर्ताओं ने एक साथ इस्तीफा दिया।
  • प्रियदर्शी अशोक अब निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज में बड़ा झटका लगा है। पार्टी की पहली उम्मीदवार लिस्ट जारी होते ही नालंदा जिले में बगावत के सुर तेज हो गए हैं। करीब 200 कार्यकर्ताओं ने एक साथ इस्तीफा दे दिया, जिससे संगठन में हड़कंप मच गया है।

प्रियदर्शी अशोक को टिकट न मिलने पर भड़के कार्यकर्ता

स्थानीय कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जन सुराज के वरिष्ठ सदस्य प्रियदर्शी अशोक कुमार को टिकट न देकर पार्टी ने “छलावा” किया है। उनका कहना है कि अशोक कुमार शुरू से पार्टी के लिए काम कर रहे थे, लेकिन टिकट किसी बाहरी उम्मीदवार को दे दिया गया। इससे नाराज होकर कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफा दे दिया।

प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रियदर्शी अशोक ने की बगावत की घोषणा

प्रियदर्शी अशोक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट किया कि वे अब निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नालंदा से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा,

“हम शिक्षा, रोजगार और विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे। चुनाव के बाद जो भी पार्टी जनता के लिए काम करेगी, उसका समर्थन करेंगे।”

अशोक ने आरोप लगाया कि प्रशांत किशोर ने कार्यकर्ताओं के साथ विश्वासघात किया है।

जन सुराज की पहली लिस्ट में 51 उम्मीदवार शामिल

प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए पहली सूची जारी की है। इस सूची में 51 उम्मीदवारों के नाम शामिल हैं —

  • 17 उम्मीदवार अति पिछड़े वर्ग से
  • 11 उम्मीदवार पिछड़े वर्ग से
  • 8-9 अल्पसंख्यक उम्मीदवार
  • और कुछ सामान्य वर्ग के नाम शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार, पार्टी ने सिर्फ 7 आरक्षित सीटों पर ही उम्मीदवार उतारे हैं।

नालंदा में जन सुराज को बड़ा झटका

विश्लेषकों का कहना है कि नालंदा जिले में इतने बड़े पैमाने पर इस्तीफों से जन सुराज पार्टी की संगठनात्मक पकड़ कमजोर हो सकती है। स्थानीय स्तर पर यह पार्टी के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है।

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