बिहार में महागठबंधन में भूचाल! मुकेश सहनी की नाराज़गी से सीट बंटवारा अटका

वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की नाराज़गी से महागठबंधन में मचा हड़कंप, देर रात की बैठकों से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस रद्द होने तक बढ़ी सियासी हलचल।

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Mukesh Sahni Anger Bihar Mahagathbandhan Seat Sharing Crisis
Mukesh Sahni Anger Bihar Mahagathbandhan Seat Sharing Crisis (PC: BBN24/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • मुकेश सहनी की नाराज़गी से महागठबंधन में सीट बंटवारे की बातचीत रुकी
  • कांग्रेस की चुप्पी और डिप्टी सीएम पद की मांग बनी टकराव की वजह
  • तेजस्वी यादव ने बनाई सहनी के बाहर जाने की स्थिति के लिए बैकअप प्लान

पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन (Mahagathbandhan) में बड़ा सियासी संकट गहराता जा रहा है। विकासशील इंसान पार्टी (Vikassheel Insaan Party – VIP) प्रमुख मुकेश सहनी की नाराज़गी ने सीट बंटवारे की बातचीत को ठप कर दिया है। पहले चरण की नामांकन प्रक्रिया की अंतिम तारीख से एक दिन पहले तक भी सीटों पर सहमति नहीं बन पाई है, जिससे गठबंधन में दरार की अटकलें तेज़ हो गई हैं।

देर रात की बैठकों से लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस तक का ड्रामा

बुधवार देर रात 1 बजे तक चली महागठबंधन की बैठक में सीट बंटवारे पर कोई नतीजा नहीं निकला।
गुरुवार सुबह मुकेश सहनी ने अपना फोन बंद कर लिया, जिससे शीर्ष नेताओं से संपर्क टूट गया। सुबह 10 बजे उन्होंने अचानक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई, लेकिन यह बार-बार टलती रही।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के फ़ोन कॉल के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस दोपहर 2 बजे के लिए टली, फिर 4 बजे, फिर 6 बजे — और आखिरकार रद्द कर दी गई।
दिन भर चली उथल-पुथल से यह साफ़ हो गया कि महागठबंधन के भीतर तनाव बढ़ता जा रहा है।

आखिर क्यों नाराज़ हैं मुकेश सहनी?

पिछले 24 घंटों में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव दोनों ने सहनी को मनाने की कोशिश की, लेकिन तीन बड़े मुद्दों पर असहमति बनी हुई है —

1. कांग्रेस की चुप्पी पर असंतोष

सहनी को कांग्रेस से 8 और राजद (RJD) से 10 सीटें मिलने की उम्मीद थी। लेकिन कांग्रेस ने अब तक यह नहीं बताया कि कौन सी 8 सीटें वह छोड़ेगी।
सहनी को डर है कि उन्हें कमज़ोर या हारने योग्य सीटें, जैसे दीघा और बांकीपुर, दी जा सकती हैं।

2. सीएम और डिप्टी सीएम पद पर अस्पष्टता

सहनी चाहते हैं कि तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया जाए और उनके लिए उपमुख्यमंत्री पद की घोषणा पहले ही हो।
कांग्रेस का कहना है कि फैसला चुनाव के बाद लिया जाएगा, जिससे सहनी नाराज़ हैं।

3. अपनी सीट पर विवाद

2020 में सहनी ने सिमरी बख्तियारपुर से चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए। वे दोबारा वहीं से लड़ना चाहते हैं, पर तेजस्वी ने उन्हें गौरा बौराम (दरभंगा) से चुनाव लड़ने को कहा है।
सहनी ने इसे ठुकरा दिया है, जिससे स्थिति और उलझ गई है।

सीट बंटवारे की रस्साकशी

प्रारंभिक चर्चा के मुताबिक, वीआईपी को 22–25 सीटें मिलनी थीं — 8 कांग्रेस से और 10 आरजेडी से। लेकिन अब सहनी ने अपनी मांग घटाकर 14 सीटें और डिप्टी सीएम पद पर अडिग रुख अपनाया है।

महागठबंधन में कई सीटों पर आपसी टकराव भी सामने आया है —

  • कांग्रेस vs RJD: जाले, वैशाली, लालगंज, वारिसलीगंज
  • कांग्रेस vs CPI/CPM: बछवारा, मटिहानी, राजगीर
  • RJD vs CPI: बहादुरपुर

इस बीच, एनडीए (NDA) ने सभी सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है, जिससे विपक्ष की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

तेजस्वी यादव की प्लान-B तैयारी

सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव ने वीआईपी के बाहर जाने की स्थिति में आईपी गुप्ता (Indian Inclusive Party) को शामिल करने की रणनीति बना ली है।
गुप्ता पिछड़ा वर्ग (EBC) से आते हैं और उन्होंने हाल ही में तेजस्वी से मुलाकात भी की थी।

कौन हैं मुकेश सहनी?

मुकेश सहनी मुंबई में सेट डिज़ाइनर रह चुके हैं और 2018 में वीआईपी पार्टी बनाई थी।
उन्होंने खुद को निषाद (मछुआरा) समुदाय की आवाज़ के रूप में पेश किया और बिहार की राजनीति में तेजी से पहचान बनाई।

अब नामांकन की अंतिम तारीख से कुछ घंटे पहले, पूरा महागठबंधन सबसे बड़े आंतरिक संकट से जूझ रहा है।
क्या राहुल गांधी और तेजस्वी यादव, सहनी को मना पाएंगे?
इस सवाल का जवाब आने वाले कुछ घंटों में बिहार की सियासत की दिशा तय करेगा।

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