दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को बहुचर्चित आईआरसीटीसी होटल घोटाला (IRCTC Scam) और लैंड फॉर जॉब केस में लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के खिलाफ धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार की धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं। कोर्ट के इस आदेश ने बिहार की सियासत में हलचल मचा दी है, खासकर तब जब राज्य में विधानसभा चुनाव का माहौल गर्म है।
लालू परिवार को कोर्ट में पेश होने का आदेश
राउज एवेन्यू कोर्ट ने सभी आरोपियों को अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था। रविवार को ही लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव दिल्ली पहुंचे थे। सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई के बाद फैसला सुनाते हुए कहा कि सभी आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं और उन पर धोखाधड़ी (420 IPC), भ्रष्टाचार और साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप तय किए जा रहे हैं।
आरोप: जमीन के बदले होटल ठेके देने का मामला
सीबीआई की जांच में सामने आया कि साल 2004 से 2009 के बीच, जब लालू यादव रेल मंत्री थे, आईआरसीटीसी के दो होटलों के रखरखाव के ठेके बेनामी कंपनियों को दिए गए। बदले में, लालू परिवार को तीन एकड़ कीमती जमीन दी गई। जांच एजेंसी ने 7 जुलाई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी और पटना, दिल्ली, रांची, गुरुग्राम समेत 12 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
कोर्ट ने कहा – सब कुछ लालू यादव की जानकारी में हुआ
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस पूरे घोटाले की साजिश लालू यादव की जानकारी में हुई और इसमें उनकी भूमिका स्पष्ट है। अदालत ने यह भी माना कि राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को भी इस साजिश का हिस्सा माना जा सकता है, क्योंकि उन्हें जमीन का हक देने का सौदा इसी योजना का हिस्सा था।
लालू के वकील बोले – मुकदमा चलाने का कोई आधार नहीं
लालू यादव के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि इस मामले में उनके खिलाफ मुकदमा चलाने का कोई वैधानिक आधार नहीं है। हालांकि, सीबीआई ने कोर्ट में कहा कि उनके पास सभी आरोपों को साबित करने के पर्याप्त सबूत मौजूद हैं।

            
            

            
            
            
            
                
                