गंगा घाट पर सीखी शूटिंग, फिर कारोबारी को मारी गोली – ‘कातिल’ उमेश की कहानी हिला देगी!

एक जेनरेटर ऑपरेटर से शूटर बनने तक की खौफनाक कहानी, 4 लाख की सुपारी में गोपाल खेमका की हत्या

Rohit Mehta Journalist
Gopal Khemka Murder Case Shooter Umesh Training Reveal
Gopal Khemka Murder Case Shooter Umesh Training Reveal (Source: BBN24/Google/Social Media)

Gopal Khemka Murder Case: पटना में चर्चित व्यापारी गोपाल खेमका की हत्या मामले में सनसनीखेज खुलासे हुए हैं। पुलिस जांच में सामने आया है कि हत्या करने से पहले शूटर उमेश यादव ने गंगा किनारे स्थित मालसलामी घाट पर पिस्तौल चलाने की ट्रेनिंग ली थी। उसने वहां पिस्टल में गोली भरना और फायर करना सीखा। दो से तीन बार की प्रैक्टिस के बाद वह ट्रिगर दबाने में माहिर हो गया।

उमेश ने यह ट्रेनिंग अकेले ही नहीं ली थी, बल्कि इस दौरान अशोक साह नाम का व्यक्ति हर बार उसकी निगरानी करता था। पुलिस के अनुसार अशोक ही इस मर्डर प्लान का मास्टरमाइंड था, जिसने पूरे चार लाख रुपये में गोपाल खेमका की हत्या की सुपारी दी थी।

जेनरेटर चलाने से लेकर शूटर बनने तक का सफर

जानकारी के मुताबिक, उमेश कभी शादी-ब्याह में जेनरेटर चलाने का काम करता था। धीरे-धीरे वह बेरोजगार हो गया। इसी दौरान नालंदा में एक शादी समारोह में उसकी मुलाकात अशोक साह से हुई, जिसने उसे ‘काम’ दिलाने का लालच दिया। इसके बाद दोनों के बीच लगातार बातचीत होने लगी, और धीरे-धीरे एक खतरनाक षड्यंत्र की बुनियाद रखी गई।

बेटी की फीस भरी, फिर गिरफ्तार हुआ

हत्या के बाद अशोक ने उमेश को बाकी के साढ़े तीन लाख रुपये दिए। पैसा मिलते ही उमेश सीधे अपनी बेटी के स्कूल गया और 45 हजार रुपये फीस में जमा किए। शेष रकम पुलिस ने उसके पास से जब्त कर ली है।

खेमका की रेकी भी खुद उमेश ने की

सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि गोपाल खेमका की रेकी किसी और ने नहीं बल्कि उमेश ने खुद की थी। किसी ‘लाइनर’ की मदद नहीं ली गई। घटना वाले दिन उमेश ने बांकीपुर क्लब से खेमका का पीछा किया और जब वे बाकरगंज में अपने साथी को छोड़ने के लिए रुके, तभी उसने वारदात को अंजाम दिया।

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