वीडियो कॉल पर ऑपरेशन, महिला की मौत! बिहार के फर्जी डॉक्टर का खुला काला सच

रोहतास में फर्जी क्लिनिक में वीडियो कॉलिंग पर कराया गया डिलीवरी ऑपरेशन, महिला की मौत के बाद डॉक्टर और स्टाफ फरार, सिविल सर्जन ने क्लिनिक किया सील

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Fake Doctor Bihar Woman Death Video Call Delivery
Fake Doctor Bihar Woman Death Video Call Delivery (Source: BBN24/Google/Social Media)

रोहतास: बिहार के Rohtas जिले से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां एक फर्जी डॉक्टर ने वीडियो कॉल पर महिला का ऑपरेशन कर डिलीवरी कराई। यह लापरवाही महिला की मौत की वजह बन गई। मृतका की पहचान काराकाट थाना क्षेत्र के जयश्री गांव निवासी 26 वर्षीय संगीता देवी के रूप में हुई है।

परिजनों के मुताबिक संगीता को एक आशा कार्यकर्ता ने बहला-फुसलाकर सरकारी अस्पताल के बजाय एक निजी क्लिनिक में भर्ती करवाया। प्रसव के समय जब महिला की हालत गंभीर हुई तो कथित डॉक्टर ने खुद अस्पताल न आकर वीडियो कॉल पर किसी अन्य डॉक्टर से सलाह ली और उसी के आधार पर ऑपरेशन शुरू कर दिया। इसी दौरान महिला की मौत हो गई।

नवजात की जान बची, डॉक्टर और स्टाफ फरार

हालांकि संगीता के नवजात की जान किसी तरह बचा ली गई, लेकिन डिलीवरी के बाद जैसे ही महिला की मौत हुई, अस्पताल में मौजूद कथित डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ क्लिनिक छोड़कर फरार हो गए।

क्लिनिक सील, सिविल सर्जन की सख्त कार्रवाई

जैसे ही यह घटना सामने आई, सासाराम के सिविल सर्जन डॉ. मणिराज रंजन के आदेश पर उक्त फर्जी क्लिनिक को तत्काल प्रभाव से सील कर दिया गया। सिविल सर्जन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं और संबंधित आशा कार्यकर्ता पर भी कार्रवाई की बात कही गई है।

बहन का बयान: “रेफर की गुहार, वीडियो कॉल से इलाज”

मृतका की बहन ने बताया कि संगीता की हालत बिगड़ने पर जब उसने डॉक्टर से रेफर करने की मांग की, तो उसने अनसुना कर किसी अन्य डॉक्टर से वीडियो कॉल पर बात शुरू कर दी और उसी पर भरोसा करके ऑपरेशन कर डाला। इसी लापरवाही की कीमत संगीता को अपनी जान देकर चुकानी पड़ी।

फिलहाल पुलिस जांच में जुटी है और फरार आरोपी की तलाश जारी है। यह मामला ना सिर्फ चिकित्सा जगत की असंवेदनशीलता को उजागर करता है, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर स्थिति की पोल भी खोलता है।

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