पटना: बिहार विधानसभा चुनाव नज़दीक आते ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में सीट बंटवारे का विवाद तेज हो गया है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने अपनी पार्टी के लिए 40 सीटों की मांग रख दी है। जबकि सूत्रों के मुताबिक BJP फिलहाल उन्हें 25 से अधिक सीट देने के मूड में नहीं है।
चिराग की ताकत बढ़ाने वाली लोकसभा जीत
पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी ने बिहार की सभी 5 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी प्रदर्शन के दम पर अब चिराग राज्य राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करना चाहते हैं। वह लगातार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बिहार की कानून-व्यवस्था पर हमले बोल रहे हैं, जिससे NDA में खटास साफ़ झलक रही है।
जमीनी नेता बनने की कवायद
केंद्र सरकार में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने “बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट” और “नव संकल्प महासभा” जैसे अभियानों के जरिए खुद को जमीनी नेता के रूप में पेश करने की कोशिश की है। भले ही उन्होंने अभी तक मुख्यमंत्री पद पर दावा ठोकने की बात नहीं की, लेकिन उनके बयानों से साफ है कि भविष्य में वह बड़े दांव के लिए तैयारी कर रहे हैं।
BJP के लिए मुश्किल फैसला
चिराग की मांग मानने पर JDU नाराज़ हो सकती है, जबकि उन्हें नज़रअंदाज़ करने से 2020 जैसी स्थिति बन सकती है। उस समय LJP ने अकेले चुनाव लड़ा और 5.6% वोट पाकर कई सीटों पर NDA का खेल बिगाड़ दिया था।
आने वाले दिन होंगे निर्णायक
अब देखना होगा कि BJP चिराग की मांग मानकर उन्हें साधती है या फिर NDA की एकजुटता को बनाए रखने के लिए समझौता करती है। दोनों ही स्थितियाँ बिहार की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।



