बिहार सरकार की मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना ने महज़ 2 दिनों में महिलाओं के बीच जबरदस्त लोकप्रियता हासिल कर ली है। 7 सितंबर से शुरू हुई इस योजना में अब तक 1.95 लाख से अधिक महिलाओं ने आवेदन कर दिया है। यह योजना महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और स्वरोजगार शुरू करने के लिए ₹2 लाख तक की आर्थिक सहायता उपलब्ध कराती है।
पहली किस्त सीधे बैंक खाते में
योजना के तहत, हर परिवार से एक महिला को ₹10,000 की पहली किस्त दी जाएगी। यह राशि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के ज़रिए सीधे बैंक खातों में भेजी जाएगी। अधिकारियों के अनुसार, भुगतान की प्रक्रिया सितंबर के तीसरे सप्ताह से शुरू होगी। स्वरोजगार शुरू करने के बाद महिलाओं को शेष राशि चरणबद्ध तरीके से दी जाएगी।
बाढ़ से प्रभावित इलाकों में चुनौतियाँ
भोजपुर जिले में योजना को जीविका समूहों के माध्यम से लागू किया जा रहा है। जिले के 2.5 लाख जीविका सदस्यों में से लगभग 80% महिलाएं पहले ही आवेदन कर चुकी हैं। हालांकि, जिले के 6 प्रखंडों में बाढ़ के कारण फॉर्म जमा करने की प्रक्रिया धीमी हो गई है। कई गांवों में सैकड़ों आवेदन तैयार हैं, लेकिन जलजमाव के कारण वे अभी तक प्रखंड कार्यालय तक नहीं पहुँच पाए।
प्रचार-प्रसार और आवेदन प्रक्रिया
योजना के बारे में जानकारी फैलाने के लिए नगर पंचायतों—आरा सदर, कोईलवर, जगदीशपुर आदि में वाहन घूम-घूमकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं। वहीं जीविका कार्यालयों में महिलाओं की मुफ्त सहायता की जा रही है ताकि वे आसानी से आवेदन भर सकें। आवेदन के लिए सिर्फ आधार कार्ड और बैंक खाता नंबर जमा करना आवश्यक है। अधिकारियों ने बताया कि सभी डिटेल्स की बारीकी से जांच की जा रही है ताकि पैसा सही लाभार्थी तक पहुँचे।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
सरकारी अधिकारी मानते हैं कि यह योजना न केवल महिलाओं को आर्थिक आज़ादी दिलाने में मदद करेगी, बल्कि ग्रामीण इलाकों में आत्मनिर्भरता और स्वरोजगार को भी नई दिशा देगी। विधानसभा चुनाव से पहले इस योजना ने महिलाओं में उम्मीद और उत्साह की लहर पैदा कर दी है।



