नई दिल्ली/पटना: बिहार में एनडीए (NDA) के भीतर सीट बंटवारे को लेकर घमासान तेज हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) [HAM(S)] के प्रमुख जीतन राम मांझी ने बीजेपी (BJP) को 15 सीटों की सूची सौंपकर बड़ा सियासी संदेश दे दिया है।
शनिवार को दिल्ली में मांझी ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की और अपनी पार्टी के लिए 15 विधानसभा सीटों की मांग रखी।
चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) से टकराव
मांझी की यह मांग चिराग पासवान की एलजेपी (रामविलास) से चल रहे टकराव के बीच आई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा ने साफ कहा है कि वे अपने जीते हुए क्षेत्रों — इमामगंज (गया) और सिकंदरा (जमुई) — किसी भी हालत में नहीं छोड़ेंगे।
यह विवाद अब एनडीए के भीतर खींचतान को खुलकर सामने ला चुका है।
मांझी का दावा: 15 सीटों में गया पर रहेगा फोकस
मांझी की पार्टी ने इस बार 15 सीटों की सूची सौंपी है, जो पिछली बार की 7 सीटों से दोगुनी है। इनमें गया क्षेत्र की सीटें प्रमुख हैं — बराचट्टी, टिकारी, इमामगंज, सिकंदरा, मखदुमपुर, कुटुंबा और कसबा।
इसके अलावा मांझी ने गुरारू, अत्री, बोधगया, सिमरी, बख्तियारपुर और बखरी जैसी नई सीटों पर भी दावा ठोका है।
खुला संदेश: “राजनीति में न कोई स्थायी दोस्त, न दुश्मन”
दिल्ली पहुंचकर भले ही मांझी ने कहा कि उनकी पार्टी अनुशासित है और “जितनी सीटें मिलेंगी, उतनी लड़ेगी”, लेकिन उनके पार्टी महासचिव राजेश पांडेय का बयान कुछ और ही संकेत दे रहा है।
उन्होंने कहा, “राजनीति में कोई स्थायी दोस्त या दुश्मन नहीं होता। अगर हमारी शर्तें नहीं मानी गईं, तो सभी विकल्प खुले हैं।”
यह बयान साफ इशारा करता है कि अगर सीटों पर सहमति नहीं बनी, तो मांझी एनडीए के साथ अपने रिश्ते पर फिर से विचार कर सकते हैं।
एनडीए में अटकी सीट बंटवारे की घोषणा
सूत्रों के अनुसार, सीट बंटवारे पर जारी यह रस्साकशी अब एनडीए की सीट-शेयरिंग फॉर्मूला की औपचारिक घोषणा को टाल रही है, जो पहले सोमवार या मंगलवार तक तय मानी जा रही थी।
अब मांझी और पासवान के बीच यह सियासी जंग एनडीए के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है।


