बिहार विधानसभा चुनाव 2025 जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे राजनीतिक दलों के बीच सीट बंटवारे को लेकर सस्पेंस गहराता जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, एनडीए और इंडिया गठबंधन दोनों ही खेमों में सहयोगियों की बेचैनी लगातार बढ़ रही है, लेकिन औपचारिक बातचीत चुनाव आयोग द्वारा तारीखों की घोषणा के बाद ही शुरू होगी। माना जा रहा है कि नवरात्रि की समाप्ति के बाद कभी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आयोग इस पर बड़ा ऐलान कर सकता है।
एनडीए में दबाव की राजनीति
एनडीए के छोटे सहयोगी पहले ही अपनी मांगें सार्वजनिक रूप से उठा चुके हैं। एलजेपी (रामविलास) नेता अरुण भारती सोशल मीडिया पर भाजपा और जदयू से सम्मानजनक हिस्सेदारी की मांग कर रहे हैं। वहीं, हम (से.) प्रमुख जीतन राम मांझी भी अपने हिस्से को लेकर मुखर हो चुके हैं। हाल ही में चिराग पासवान और उपेंद्र कुशवाहा की मुलाकात में मगध–शाहाबाद क्षेत्र में पर्याप्त सीटें देने पर जोर दिया गया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी अपने हालिया बिहार दौरे में संकेत दिया कि दुर्गा पूजा के बाद एनडीए में सीटों का बंटवारा फाइनल कर लिया जाएगा।
इंडिया गठबंधन में भी खींचतान
इधर इंडिया गठबंधन के भीतर भी टकराव साफ नजर आ रहा है। कांग्रेस ने आरजेडी से जल्द समझौता फाइनल करने की मांग की है। वहीं, सीपीआई (एमएल) इस बार 2020 के मुकाबले बड़ा हिस्सा चाहती है। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने तो यहां तक दावा कर दिया है कि अगर गठबंधन सत्ता में आता है, तो उन्हें उपमुख्यमंत्री की कुर्सी चाहिए।
आरजेडी का रुख
महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी ने संकेत दिया है कि सहयोगियों के बीच औपचारिक बैठक और सीट बंटवारे पर फैसला चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद ही होगा।



