पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले छपरा सीट (Chhapra Seat) एक बार फिर सुर्खियों में है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने बड़ा और चर्चित कदम उठाते हुए भोजपुरी सुपरस्टार खेसारी लाल यादव (Khesari Lal Yadav) की पत्नी चंदा देवी (Chanda Devi) को उम्मीदवार बनाया है। इस फैसले ने छपरा के राजनीतिक समीकरण को पूरी तरह बदल दिया है।
BJP की रणनीति में बदलाव
छपरा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का लंबे समय से दबदबा रहा है। मौजूदा विधायक डॉ. सी.एन. गुप्ता (Dr. C.N. Gupta) दो बार से यह सीट जीतते आ रहे थे। लेकिन इस बार पार्टी ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए उन्हें टिकट नहीं दिया। इसके बजाय छोटी कुमारी (Chhoti Kumari) को 2025 के चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया गया है।
इस बदलाव से पार्टी के अंदर नाराज़गी भी देखने को मिली। पूर्व मेयर राखी गुप्ता (Rakhi Gupta) को टिकट नहीं मिलने के बाद उन्होंने बगावत का रास्ता अपनाया और निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में नामांकन कर दिया। राखी गुप्ता लंबे समय से छपरा क्षेत्र की सक्रिय नेता रही हैं और स्थानीय स्तर पर उनका अच्छा प्रभाव माना जाता है।
तीन तरफा मुकाबले ने बढ़ाई सियासी गर्मी
अब छपरा में मुकाबला तीन दिशाओं में बंट गया है –
- RJD की चंदा देवी अपने स्टार पावर के साथ मैदान में हैं,
 - BJP की छोटी कुमारी पार्टी संगठन के सहारे चुनाव लड़ेंगी,
 - वहीं निर्दलीय राखी गुप्ता स्थानीय समर्थन के बल पर चुनौती पेश करेंगी।
 
राजनीतिक जानकारों के अनुसार, बीजेपी के भीतर हुए इस विभाजन से RJD को सीधा फायदा मिल सकता है। वहीं, जातीय समीकरण भी इस चुनाव का प्रमुख फैक्टर बनने जा रहे हैं।
जातीय समीकरण होंगे निर्णायक
छपरा विधानसभा में यादव, राजपूत, ब्राह्मण, बनिया और मुस्लिम समुदायों की बड़ी संख्या में उपस्थिति है। विश्लेषकों का मानना है कि यदि वोटों का बंटवारा हुआ, तो चंदा देवी के लिए जीत का रास्ता कुछ आसान हो सकता है। हालांकि, मुकाबला अब पूरी तरह दिलचस्प और अप्रत्याशित बन चुका है।
निष्कर्ष
छपरा की इस हाई-प्रोफाइल सीट पर अब हर पार्टी की नजरें टिकी हैं। स्टार पावर, स्थानीय प्रभाव और जातीय समीकरण – तीनों मिलकर इस चुनाव को बिहार की सबसे चर्चित सीटों में से एक बना रहे हैं।

            
            
            
            
            
            
                
                