बंद पड़े गांधी सेतु के पीछे क्या है असली वजह? बिहार बंद के बीच दिखा विरोध का नया चेहरा!

9 जुलाई को बिहार बंद के दौरान महात्मा गांधी सेतु पूरी तरह जाम, सड़कों पर उतरे महागठबंधन के कार्यकर्ता, आमजन को झेलनी पड़ी भारी परेशानी।

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Bihar Band Effect Mahatma Gandhi Setu Closed
Bihar Band Effect Mahatma Gandhi Setu Closed (Source: BBN24/Google/Social Media)

Bihar News: बिहार में 9 जुलाई की सुबह जैसे ही शुरू हुई, वैसे ही बिहार बंद का व्यापक असर दिखने लगा। महागठबंधन समर्थकों ने हाजीपुर में महात्मा गांधी सेतु पर भारी प्रदर्शन करते हुए पुल को पूरी तरह से जाम कर दिया। इस बंद के चलते पटना और उत्तर बिहार के बीच यातायात लगभग ठप हो गया। प्रदर्शन की अगुवाई राजद विधायक डॉ. मुकेश रोशन कर रहे हैं।

इस बिहार बंद का आह्वान कांग्रेस ने किया है, जिसमें राजद, कांग्रेस और वामपंथी दलों सहित महागठबंधन के सभी घटक दल शामिल हैं। सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर टायर जलाए, नारेबाजी की और सेतु पर ट्रैफिक को रोक दिया।

यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं, पैदल चलने को मजबूर हुए लोग

गांधी सेतु पर प्रदर्शन के चलते लंबा जाम लग गया, जिससे आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ लोग गंतव्य तक पहुंचने के लिए पैदल चलते दिखे। कई किलोमीटर तक ट्रैफिक लाइनें खड़ी हो गईं। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने एंबुलेंस और जरूरी सेवाओं से जुड़े वाहनों को रास्ता देने की अनुमति दी, जिससे आपातकालीन सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं।

चुनावी प्रक्रिया के विरोध में हो रहा है आंदोलन

महागठबंधन का यह प्रदर्शन चुनाव आयोग की विशेष गहन मतदाता सूची संशोधन प्रक्रिया के खिलाफ है। विपक्ष का आरोप है कि यह प्रक्रिया गरीबों और प्रवासी मतदाताओं के वोटिंग अधिकार को छीनने की कोशिश है। इसी मुद्दे को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी आज पटना में एक विशाल रैली करेंगे। यह रैली इनकम टैक्स चौराहा से शुरू होकर विधानसभा के समीप शहीद स्मारक तक जाएगी।

पूरे बिहार में बंद को मिल रहा समर्थन

महागठबंधन का दावा है कि यह बंद राज्यभर में जनसमर्थन हासिल कर रहा है। कई जिलों से प्रदर्शन और रैलियों की खबरें आ रही हैं। दूसरी ओर, सरकार ने स्थिति को नियंत्रित रखने के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी है।

क्या यह विरोध केवल एक दिन का मामला है या आने वाले दिनों में बिहार की सड़कों पर और उबाल दिखेगा? यह तो वक्त ही बताएगा, लेकिन फिलहाल गांधी सेतु पर खड़े हजारों वाहनों और सड़कों पर उतरे प्रदर्शनकारियों ने साफ कर दिया है कि राजनीतिक तापमान बढ़ चुका है।

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