काला सागर के पास तुर्की तट पर शुक्रवार देर शाम कुछ ही मिनटों के अंतराल में दो रूसी तेल टैंकर Kairos और Virat जोरदार धमाकों के बाद आग की चपेट में आ गए। दोनों टैंकर रूस की कथित “शैडो फ्लीट” का हिस्सा बताए जाते हैं, जो पश्चिमी प्रतिबंधों से बचने के लिए गुप्त रूप से संचालित होती है।
तुर्की अधिकारियों ने शुरुआती जांच में कहा है कि धमाके माइन, मिसाइल, सी-ड्रोन या किसी समुद्री डिवाइस से हुए हो सकते हैं। हालांकि अभी तक असली कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है।
दो धमाके, दो टैंकर… और मिनटों में फैल गई दहशत
- Kairos तुर्की के कोकाएली प्रांत से 28 नॉटिकल मील दूर अचानक आग की लपटों में घिर गया।
- लगभग एक घंटे बाद, Virat भी 35 नॉटिकल मील दूर “strike” की चपेट में आ गया।
- दोनों टैंकर खाली थे और रूस के नोवोरोसिस्क पोर्ट की ओर जा रहे थे।
45 में से सभी क्रू मेंबर्स सुरक्षित:
- Kairos – 25 क्रू
- Virat – 20 क्रू
Rescue टीम लगातार ऑपरेशन में जुटी हुई है। Virat के इंजन रूम से भारी धुआँ उठने की भी पुष्टि हुई है।
तुर्की मंत्री बोले—“धमाके बाहरी हस्तक्षेप जैसे लगते हैं”
तुर्की के परिवहन और आधारभूत संरचना मंत्री अबदुलकादिर उरालोग्लू ने कहा:
“पहली नज़र में स्पष्ट दिखता है कि यह धमाके बाहरी हस्तक्षेप से हुए हैं—माइन, मिसाइल, समुद्री ड्रोन या कोई अज्ञात डिवाइस इसका कारण हो सकता है।”
उन्होंने यह भी साफ किया कि अभी जांच जारी है और अंतिम निष्कर्ष नहीं निकाला गया है।
क्या है रूस की ‘शैडो फ्लीट’? क्यों बढ़ रही है शंका?
दोनों टैंकर लंबे समय से रूस के पोर्ट्स के लिए संचालन करते रहे हैं और कई बार ट्रैकिंग सिस्टम बंद कर देते थे, जिससे संदेह और बढ़ जाता था।
यह फ्लीट प्रतिबंधों से बचने के लिए—
- छुपे हुए रास्ते
- बार-बार फ़्लैग बदलना
- लोकेशन सिग्नल ऑफ करना
जैसी तकनीकों का उपयोग करती है।
Virat पहले कई देशों—Barbados, Comoros, Liberia, Panama—के झंडों के तहत भी संचालित हो चुका है।



