एशिया कप फाइनल में भारत ने पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर इतिहास रच दिया। लगातार तीसरी बार पाकिस्तान को हराना अपने आप में बड़ी उपलब्धि थी। लेकिन मैच के बाद जो दृश्य देखने को मिला, उसने इस मुकाबले को और यादगार बना दिया।
टीम इंडिया ने एशियाई क्रिकेट परिषद और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) चीफ मोहसिन नकवी से एशिया कप ट्रॉफी लेने से साफ इनकार कर दिया। भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव के नेतृत्व में लिया गया यह फैसला अब पाकिस्तान के मीडिया में चर्चा का बड़ा विषय बना हुआ है।
पाकिस्तानी मीडिया की नाराज़गी
पाकिस्तान के प्रमुख अखबार डॉन ने संपादकीय लिखते हुए भारत पर खेल भावना न दिखाने का आरोप लगाया। अखबार ने कहा कि सूर्यकुमार यादव “मुखौटा कप्तान” हैं और उनका यह कदम बीसीसीआई व भारत सरकार के दबाव में उठाया गया है। वहीं, मोहसिन नकवी को ट्रॉफी देने पर अड़े रहने के लिए अखबार ने उनकी सराहना भी की।
जियो न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि भारतीय टीम ने बीसीसीआई के आदेश पर ट्रॉफी लेने से इनकार किया। चैनल ने यह भी लिखा कि उनके खिलाड़ियों ने खेल भावना दिखाई और पुरस्कार राशि स्वीकार की, जबकि भारतीय टीम करीब 45 मिनट तक कार्यक्रम से नदारद रही।
विरोध का कारण क्या था?
भारतीय टीम ने स्पष्ट कर दिया कि वह ट्रॉफी मोहसिन नकवी से नहीं लेगी। वजह यह थी कि नकवी न केवल एशियन क्रिकेट काउंसिल और PCB के प्रमुख हैं, बल्कि पाकिस्तान के होम मिनिस्टर भी हैं। वह भारत के खिलाफ कई बार विवादित बयान दे चुके हैं।
गौरतलब है कि सूर्यकुमार यादव ने एशिया कप के सभी मैचों की फीस पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए लोगों के परिजनों को समर्पित कर दी थी। यह फैसला उनके नेतृत्व और संवेदनशीलता को दर्शाता है।



