पटना: बिहार में चल रहे मतदाता सूची विशेष पुनरीक्षण (Voter List Special Revision) अभियान के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने स्पष्ट किया है कि किसी भी वैध मतदाता का नाम वोटर लिस्ट से नहीं हटेगा। गुरुवार को विधानसभा सत्र के दौरान इस मसले पर विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच जोरदार बहस हुई।
उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सदन में आश्वस्त किया कि अगर पुनरीक्षण के दौरान किसी सही मतदाता का नाम हटाया जाता है तो सरकार चुनाव आयोग से बात करेगी और उसे दुरुस्त करवाएगी।
तेजस्वी यादव ने उठाया मुद्दा, विपक्ष ने जताई चिंता
सत्र की शुरुआत में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अध्यक्ष नंदकिशोर यादव से मांग की कि वोटर लिस्ट पर अधूरी चर्चा को आगे बढ़ाया जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि सुप्रीम कोर्ट में दिए गए चुनाव आयोग के हलफनामे में नेपाल, बांग्लादेश या म्यांमार से संबंधित कोई संदर्भ नहीं है, फिर भी सरकार की ओर से गलतफहमी फैलाई जा रही है।
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विपक्ष के आरोप – लोकतंत्र पर हमला, गरीबों को किया जा रहा बाहर
- कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान ने आरोप लगाया कि भाजपा हार के डर से वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ करवा रही है।
- सीपीआई माले के महबूब आलम बोले कि करोड़ों गरीबों का नाम लिस्ट से हटने का खतरा है।
- सीपीआई के सूर्यकांत पासवान ने इसे “लोकतंत्र पर हमला” बताया।
- वहीं हम पार्टी की ज्योति मांझी ने पुनरीक्षण के फैसले को सराहनीय बताया।
सरकार का जवाब – नाम कटा तो होगी जांच, आयोग से की जाएगी बात
विजय कुमार चौधरी ने साफ कहा कि मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, लेकिन सरकार की मंशा स्पष्ट है – एक भी सही मतदाता का नाम नहीं कटेगा। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि अगर किसी को नाम कटने की जानकारी है तो सरकार को बताएं, वह मामले की सुनवाई करेगी और उचित कार्रवाई भी होगी।



