बिहार पुलिस का नया ‘गैग ऑर्डर’? अब हर अफसर की बाइट नहीं आएगी कैमरे पर, DGP ने जारी किया बड़ा फरमान

DGP विनय कुमार का आदेश — अब केवल पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता ही देंगे मीडिया को आधिकारिक बयान, फील्ड अफसरों की बाइट पर लगी रोक

Rohit Mehta Journalist
Bihar Dgp Vinay Kumar Police Byte Media Ban Order
Bihar Dgp Vinay Kumar Police Byte Media Ban Order (Source: BBN24/Google/Social Media)

पटना: बिहार के पुलिस महानिदेशक Vinay Kumar ने राज्य भर की पुलिस यूनिट्स के लिए एक सख्त और बेहद महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है, जिससे मीडिया और पुलिस के रिश्तों में एक नई दिशा देखने को मिल सकती है। नए आदेश के मुताबिक, अब से किसी भी मामले में पुलिस की तरफ से मीडिया को दिया जाने वाला बयान (बाइट) केवल मुख्यालय स्तर के प्रवक्ता द्वारा जारी किया जाएगा।

प्रेस नोट ही होगी ‘ऑफिशियल बाइट’

DGP द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि, “अब से मीडिया को दी जाने वाली जानकारी ‘प्रेस नोट’ के रूप में केवल पुलिस मुख्यालय के प्रवक्ता द्वारा पढ़कर सुनाई जाएगी। यह प्रवक्ता पहले से ही ADG रैंक के अधिकारी के रूप में नियुक्त हैं।” यह आदेश राज्य के सभी जिलों के पुलिस कप्तानों और अधिकारियों को भेजा गया है।

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फील्ड अफसर नहीं दे सकेंगे बयान

आदेश में साफ लिखा गया है कि कोई भी थाना प्रभारी, सर्किल अधिकारी या जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मीडिया को व्यक्तिगत तौर पर कोई बाइट नहीं देंगे। सारे मामलों पर एक आधिकारिक प्रेस नोट तैयार होगा, जिसे पुलिस मुख्यालय से जारी किया जाएगा और वह भी DGP Vinay Kumar की स्वीकृति के बाद ही।

क्यों लिया गया यह फैसला?

बीते कुछ महीनों में कई हाई-प्रोफाइल केसों में पुलिस अधिकारियों के अलग-अलग बयानों ने विवाद खड़ा किया था। कई बार बयान आपस में मेल नहीं खाते थे, जिससे जनता और मीडिया में भ्रम की स्थिति बनी रहती थी। DGP के इस फैसले का मकसद है कि भविष्य में ऐसी स्थिति से बचा जा सके और सिर्फ तथ्यात्मक, संतुलित और प्रमाणिक जानकारी ही मीडिया तक पहुंचे।

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बाइट पर लगाम से क्या बदलेगा?

  • अफसर अब कैमरे पर कोई भी बेतरतीब बयान नहीं दे पाएंगे
  • मीडिया को हर खबर के लिए प्रेस नोट का इंतज़ार करना होगा
  • विभागीय छवि और अनुशासन को बनाए रखने में मदद मिलेगी
  • बयानबाज़ी से उपजने वाले विवादों पर लगेगी रोक
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