पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने चौंकाने वाला दावा करते हुए कहा है कि उनका नाम वोटर लिस्ट के ड्राफ्ट से ही गायब है। शनिवार को पटना स्थित अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बातचीत में उन्होंने निर्वाचन आयोग (ECI) पर गंभीर आरोप लगाए।
“EPIC नंबर डालने पर लिखा- रिकॉर्ड नॉट फाउंड”
तेजस्वी यादव ने पत्रकारों के सामने चुनाव आयोग के ऐप पर अपना ईपिक नंबर दर्ज किया, लेकिन परिणाम में “रिकॉर्ड नॉट फाउंड” लिखा आया। इस पर उन्होंने कहा, “जब मेरा नाम हट सकता है, तो बिहार के लाखों गरीबों के नाम भी जरूर हटे होंगे।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह पूरी प्रक्रिया जानबूझकर की गई साजिश है। उनका सीधा आरोप था कि चुनाव आयोग अब निष्पक्ष नहीं रहा, बल्कि ‘गोदी आयोग’ बन चुका है।
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“दो गुजराती बैकअप का भरोसा है आयोग को”
तेजस्वी यादव ने बिना नाम लिए केंद्र सरकार और चुनाव आयोग की मिलीभगत की ओर इशारा करते हुए कहा कि, “ECI को लगता है कि उसे दो गुजराती नेताओं का बैकअप मिल चुका है, लेकिन वक्त आने पर सबका हिसाब होगा।”
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि वह स्वतः संज्ञान ले और आयोग से सवाल करे कि किन विधानसभा क्षेत्रों और बूथों पर कितने लोगों के नाम हटाए गए हैं।
“बिना नोटिस वोट काटे गए, यह लोकतंत्र के लिए खतरनाक”
तेजस्वी ने चुनाव आयोग से पूछा कि वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आधार क्या था। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन लोगों के नाम हटाए गए, उन्हें कोई नोटिस तक नहीं दी गई। “यह रवैया लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसे में निष्पक्ष चुनाव संभव नहीं। अगर यही जारी रहा तो चुनाव कराए बिना सरकार को एक्सटेंशन दे देना चाहिए,” उन्होंने कहा।
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“बाहर रहने वालों के लिए नाम जुड़वाना मुश्किल”
तेजस्वी यादव ने कहा कि जो लोग बिहार से बाहर रह रहे हैं, उनके लिए वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना बेहद कठिन कर दिया गया है। उन्हें दो बार प्रोसेस से गुजरना पड़ेगा — पहले रिवीजन के दौरान नाम जोड़वाएं, फिर घर लौटकर आपत्ति करें।
उनका कहना था कि यह सब योजनाबद्ध ढंग से लोकतंत्र को कमजोर करने की कोशिश है।



