PMCH में 3 साल की बच्ची की सर्जरी के दौरान मौत, डबल एनेस्थीसिया का आरोप, जांच टीम गठित

परिवार बोले—नेग्लिजेंस से गई जान, हाई कोर्ट और ह्यूमन राइट्स कमीशन पहुंचेंगे

Pmch Toddler Death Surgery Investigation
Pmch Toddler Death Surgery Investigation (PC: BBN24/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • 3 साल की बच्ची सर्जरी के दौरान दम तोड़ा, परिजनों ने लापरवाही बताई
  • डबल एनेस्थीसिया का आरोप, OT-5 में उपकरण पुराने होने की शिकायत
  • अस्पताल ने 4 सदस्यीय जांच समिति बनाई, 15 दिन में रिपोर्ट

पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (PMCH) में सर्जरी के दौरान 3 वर्षीय बच्ची की मौत ने अस्पताल की व्यवस्था, एनेस्थीसिया प्रोटोकॉल और OT सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। परिवार ने साफ कहा है कि वे हाई कोर्ट और ह्यूमन राइट्स कमीशन जाएंगे।

मृत बच्ची का नाम अवंतिका राय था, जो गोपालगंज के कटिया गांव की रहने वाली थी। 27 नवंबर को ट्रैक्टर से गिरने के बाद दोनों पैर में फ्रैक्चर हुआ, जिसके बाद उसे PMCH में भर्ती किया गया था। 2 दिसंबर को ऑर्थोपेडिक्स विभाग में सर्जरी तय की गई।

“ज्यादा एनेस्थीसिया दिया गया” — परिवार का आरोप

EMR रिपोर्ट के अनुसार सर्जरी के दौरान:

  • Caudal block (regional anesthesia)
  • TIVA (Total Intravenous Anesthesia)
  • Propofol, Ketamine, Bupivacaine

दवाइयाँ दी गईं।

परिजनों का आरोप है कि अधिक मात्रा में एनेस्थीसिया दिए जाने से बच्ची की हालत बिगड़ी। 30–45 मिनट में स्थिति खराब हुई, CPR और वेंटिलेशन दिया गया, लेकिन 6 दिसंबर सुबह 11:45 पर मौत घोषित कर दी गई।

“हमारी स्वस्थ बच्ची थी, लापरवाही की वजह से जान गई।” — नाना, अधिवक्ता राम संदेश राय

OT में पुराने उपकरण, जूनियर डॉक्टरों पर सवाल

एक वरिष्ठ डॉक्टर ने नाम न बताने की शर्त पर कहा:

“OT-5 में सिर्फ एक मॉडर्न एनेस्थीसिया मशीन है। बच्चों की सर्जरी में मैनुअल कंट्रोल रिस्की होता है।”

परिवार का आरोप:

  • OT में सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं थे
  • जूनियर डॉक्टर बिना निगरानी प्रक्रिया कर रहे थे
  • समय रहते हस्तक्षेप किया जाता तो बच्ची बच सकती थी

हालांकि यूनिट इंचार्ज प्रो. डॉ. महेश प्रसाद ने जिम्मेदारी से इंकार किया।

ऑर्थोपेडिक्स विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश चौधरी ने घटना को दुखद बताया लेकिन कहा:

“सभी मेडिकल प्रोटोकॉल फॉलो किए गए। सीनियर डॉक्टर OT कॉम्प्लेक्स में मौजूद रहते हैं।”

अस्पताल ने बनाई जांच समिति

अस्पताल अधीक्षक डॉ. आई.एस. ठाकुर के अनुसार:

  • 4 सदस्यीय कमेटी
  • ऑर्थोपेडिक्स, पीडियाट्रिक्स, एनेस्थीसिया और सर्जरी विभाग शामिल
  • 15 दिनों में रिपोर्ट

“एनेस्थीसिया प्रक्रिया, उपकरणों और पूरे सिस्टम की विस्तृत जांच होगी। परिवार को निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया गया है।” — डॉ. ठाकुर

परिवार करेगा कानूनी लड़ाई

मृतका के नाना और हाई कोर्ट वकील राम संदेश राय ने कहा:

“हम कोर्ट और ह्यूमन राइट्स कमीशन जाएंगे। जिम्मेदारों को सजा मिले।”

पिता शैलेश राय का दर्द छलक पड़ा:

“अवंतिका कई सालों की दुआओं के बाद जन्मी थी। हमारी खुशियाँ छिन गईं।”

सिस्टम पर सवाल, रिपोर्ट पर नजर

इस घटना ने PMCH जैसे बड़े सरकारी अस्पताल में:

  • सुरक्षा
  • उपकरण
  • सुपरविजन
  • OT प्रोटोकॉल

पर सवाल उठा दिए हैं।

जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदारी तय होने और कार्रवाई पर सबकी नजर होगी।

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