नई दिल्ली: एनडीए उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे सीपी राधाकृष्णन भारत के 15वें उपराष्ट्रपति चुन लिए गए हैं। उन्होंने विपक्ष के इंडिया ब्लॉक उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों के बड़े अंतर से शिकस्त दी।
राज्यसभा महासचिव पीसी मोदी ने बताया कि राधाकृष्णन को 452 प्रथम वरीयता वोट मिले, जबकि रेड्डी को केवल 300 वोट हासिल हुए।
98.2% मतदान, 13 सांसद रहे अनुपस्थित
उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल 788 योग्य सांसदों में से 767 ने मतदान किया। इसमें 752 वोट वैध और 15 अवैध रहे। इस तरह कुल 98.2 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं, 13 सांसदों ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुर्मू ने दी बधाई
जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “सीपी राधाकृष्णन का जीवन समाज सेवा और गरीबों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित रहा है। वे एक उत्कृष्ट उपराष्ट्रपति साबित होंगे।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उनका दशकों का अनुभव राष्ट्र की प्रगति में अहम भूमिका निभाएगा।
विपक्ष का बयान – “यह विचारधारा की लड़ाई थी”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राधाकृष्णन को बधाई देते हुए कहा कि यह सिर्फ चुनाव नहीं बल्कि विचारधारा की लड़ाई थी। उन्होंने विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी के संघर्ष की सराहना की।
वहीं, रेड्डी ने अपनी हार के बावजूद कहा कि उनकी वैचारिक लड़ाई और भी मजबूती से जारी रहेगी।
सीपी राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर
- महाराष्ट्र, झारखंड और तेलंगाना के राज्यपाल रह चुके हैं।
- 1998 और 1999 में कोयंबटूर से सांसद चुने गए।
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर राजनीति में आए।
- 2004 से 2007 तक बीजेपी तमिलनाडु अध्यक्ष रहे और 93 दिनों की 19,000 किमी ‘रथ यात्रा’ का नेतृत्व किया।
👉 इस तरह सीपी राधाकृष्णन का वर्षों का राजनीतिक और प्रशासनिक अनुभव अब उन्हें देश के उपराष्ट्रपति पद तक ले आया है।



