Central Bureau of Investigation (CBI) ने रिश्वतखोरी के एक बड़े मामले में रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी को गिरफ्तार कर सनसनी फैला दी है। जांच एजेंसी ने 20 दिसंबर 2025 को लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा और एक निजी व्यक्ति विनोद कुमार को गिरफ्तार किया।
CBI के अनुसार, इस मामले में 19 दिसंबर 2025 को पुख्ता इनपुट के आधार पर केस दर्ज किया गया था। जांच में सामने आया कि आरोपी अधिकारी लंबे समय से निजी रक्षा कंपनियों से रिश्वत लेकर उन्हें सरकारी स्तर पर अवैध लाभ पहुंचा रहे थे।
अहम पद पर रहते हुए किया भ्रष्टाचार
आरोप है कि लेफ्टिनेंट कर्नल दीपक कुमार शर्मा, जो रक्षा उत्पादन विभाग में इंटरनेशनल कोऑपरेशन और एक्सपोर्ट से जुड़े संवेदनशील पद पर तैनात थे, अपने पद का दुरुपयोग कर रहे थे।
CBI के मुताबिक, वे निजी रक्षा कंपनियों को:
- सरकारी मंजूरी दिलाने
- फाइलें आगे बढ़वाने
- विभागीय लाभ दिलाने
के बदले लगातार रिश्वत ले रहे थे।
दुबई बेस्ड डिफेंस कंपनी का कनेक्शन
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस घोटाले में एक दुबई स्थित डिफेंस कंपनी भी शामिल है।
कंपनी के भारत में संचालन से जुड़े:
- राजीव यादव
- रवजीत सिंह
बेंगलुरु से ऑपरेट कर रहे थे और लगातार लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा के संपर्क में थे। आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर कंपनी के लिए सरकारी मंजूरी और रणनीतिक फायदे हासिल करने की कोशिश की।
3 लाख रुपये की रिश्वत से टूटा पूरा जाल
CBI के अनुसार:
- 18 दिसंबर 2025 को विनोद कुमार ने कंपनी के निर्देश पर लेफ्टिनेंट कर्नल शर्मा को 3 लाख रुपये की रिश्वत दी थी।
- इसी लेन-देन को आधार बनाकर CBI ने जाल बिछाया और दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
कई शहरों में छापेमारी, भारी नकदी बरामद
CBI ने मामले की जांच के दौरान:
- दिल्ली
- श्रीगंगानगर (राजस्थान)
- बेंगलुरु
- जम्मू
सहित कई जगहों पर छापेमारी की।
बरामदगी:
- दिल्ली स्थित आवास से:
- 3 लाख रुपये (रिश्वत की रकम)
- 2.23 लाख रुपये नकद
- श्रीगंगानगर स्थित घर से:
- 10 लाख रुपये कैश
- कई महत्वपूर्ण दस्तावेज
नई दिल्ली स्थित उनके कार्यालय की तलाशी अभी भी जारी है।
23 दिसंबर तक पुलिस रिमांड
CBI ने दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया, जहां से उन्हें 23 दिसंबर 2025 तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है।
जांच एजेंसी का कहना है कि: इस घोटाले में अन्य अधिकारियों और कंपनियों की भूमिका अंतरराष्ट्रीय लेन-देन और रक्षा सौदों में भावित गड़बड़ियों की भी गहन जांच की जा रही है।


