श्वेता तिवारी, जिन्हें टीवी की सुपरस्टार माना जाता है, उन्होंने बेटी पलक तिवारी की परवरिश में वो तरीका अपनाया जो शायद ही किसी सेलेब्रिटी ने अपनाया हो। उन्होंने न सिर्फ पलक को पॉकेट मनी देने से पहले सोच-समझकर काम करवाया, बल्कि यह भी तय किया कि पलक को मेहनत की कीमत समझ में आए।
“₹1000 में बाथरूम धो, फिर मिलेगी पॉकेट मनी” – श्वेता का सिस्टम
हाल ही में दिए गए भारती पॉडकास्ट इंटरव्यू में श्वेता ने खुलासा किया कि वह बेटी पलक को बिना काम किए कभी पॉकेट मनी नहीं देती थीं। उन्होंने बताया,
“मैंने पलक को खर्च के लिए ₹25,000 तक की लिमिट दी थी। अगर वह लिमिट पार करती तो उसे घर का काम करना पड़ता।”
श्वेता ने साफ बताया कि बाथरूम धोने पर पलक को ₹1000 मिलते, बेड साफ करने के ₹500 और बर्तन धोने के ₹1000। इससे पलक को पैसे की कीमत का एहसास हुआ।
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16 साल से पहले नहीं दिया मेकअप और फोन
श्वेता ने पेरेंटिंग में एक और कड़ा कदम उठाया था। उन्होंने बताया कि उन्होंने पलक को 16 साल की उम्र से पहले न तो मेकअप करने दिया और न ही फोन दिया।
“मैंने उसे कहा था कि जब तक स्कूल खत्म नहीं होता, कोई मेकअप और फोन नहीं,” श्वेता ने कहा।
कमाई पलक की, इन्वेस्टमेंट श्वेता की
पलक तिवारी आज एक जानी-मानी एक्ट्रेस बन चुकी हैं और अच्छी-खासी कमाई भी करती हैं। लेकिन श्वेता आज भी अपनी बेटी के पैसे खुद संभालती हैं।
“वो कहती है – मम्मी आपने मुझे कंगाल कर दिया। पर मैं जानती हूं कि जितनी सेविंग्स उसके पास हैं, वो किसी के पास नहीं,” श्वेता ने हंसते हुए कहा।
श्वेता अपनी बेटी से बैंक पेपर्स साइन करवाकर पैसे सेव और इन्वेस्ट करती हैं, ताकि पलक का फाइनेंशियल फ्यूचर मजबूत बना रहे।
यह इंटरव्यू और खुलासे दर्शाते हैं कि सेलेब्रिटी होने के बावजूद श्वेता तिवारी ने अपनी बेटी को ग्राउंडेड और फाइनेंशियली समझदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह है कि पलक तिवारी आज इंडस्ट्री में अपने दम पर मुकाम बना रही हैं।


