दीपावली के बाद दिल्ली की हवा फिर से खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। सुप्रीम कोर्ट की रोक के बावजूद बड़े पैमाने पर पटाखों का इस्तेमाल हुआ, जिससे प्रदूषण का स्तर बढ़कर ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया। मंगलवार सुबह 6 बजे चाणक्य प्लेस में AQI 979 दर्ज किया गया, जबकि नारायणा गांव में 940 तक पहुंच गया।
34 इलाके रेड जोन में, लोगों को सांस लेना हुआ मुश्किल
दिल्ली के 37 मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 34 ‘रेड जोन’ में दर्ज किए गए हैं। राजधानी में हवा इतनी जहरीली हो गई है कि विशेषज्ञों ने बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा मरीजों को घर में रहने की सलाह दी है। NCR में भी हालात बेहतर नहीं हैं। स्मॉग की मोटी परत और ठहरी हुई हवाओं ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है।
इन इलाकों में सबसे ज्यादा प्रदूषण दर्ज
सबसे खतरनाक हवा चाणक्य प्लेस में दर्ज हुई, जहां AQI 979 तक पहुंच गया।
- नारायणा गांव: AQI 940
- तिगड़ी एक्सटेंशन: AQI 928
- नीति बाग: AQI 768
- पंजाबी बाग: AQI 519
- हारी नगर: AQI 518
वहीं, वजीरपुर (408), जहांगीरपुरी (401) और बवाना (417) में भी हवा ‘गंभीर श्रेणी’ में रही।
350 से ऊपर AQI वाले अन्य इलाके
विवेक विहार (361), सोनिया विहार (356), पंजाबी बाग (375), शादीपुर (390), मुंडका (350), नरेला (351), आर.के.पुरम (371) और आनंद विहार (348) जैसे क्षेत्रों में भी वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच चुकी है।
विशेषज्ञों की चेतावनी
पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक तेज हवा या बारिश नहीं होती, तब तक प्रदूषण का स्तर इसी तरह ऊंचा रहेगा। उन्होंने मास्क पहनने, बाहर की गतिविधियाँ सीमित करने और एयर प्यूरीफायर के इस्तेमाल की सलाह दी है।



