‘डॉग बाबू’ को मिला निवास प्रमाण पत्र? तेजस्वी ने चुनाव आयोग पर फिर उठाए सवाल

65 लाख नाम हटाए जाने के बाद तेजस्वी यादव ने उठाया सवाल—क्या डॉग बाबू भी असली वोटर हैं?

Tejaswi Questions Election Commission Over Dog Babu Residence Certificate
Tejaswi Questions Election Commission Over Dog Babu Residence Certificate (Source: BBN24/Google/Social Media)
मुख्य बातें (Highlights)
  • डॉग बाबू के नाम से बना रेसिडेंशियल सर्टिफिकेट, पटना में दर्ज हुई FIR
  • तेजस्वी का दावा—मेरा नाम भी लिस्ट से हटा, आयोग बोला—गलत है दावा
  • जेडीयू के संजय झा ने कहा—तेजस्वी के पास दो वोटर कार्ड, यह अपराध है

बिहार में जारी गहन मतदाता पुनरीक्षण (SIR) पर सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर चुनाव आयोग (Election Commission) पर सवालों की बौछार कर दी है। उनका तंज इस बार बेहद चौंकाने वाला और व्यंग्यात्मक था—”जब डॉग बाबू और मोनालिसा जैसे नामों के निवास प्रमाण पत्र बन सकते हैं, तो फिर इस पुनरीक्षण की गहराई का अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं।”

65 लाख नाम हटे तो कैसे तय हुआ कौन मृत या अनुपस्थित है?

तेजस्वी ने पूछा कि 65 लाख नाम हटाने के पीछे चुनाव आयोग की क्या प्रक्रिया थी? क्या उन मतदाताओं का फिजिकल वेरिफिकेशन हुआ? क्या उन्हें कोई नोटिस मिला?
उन्होंने यह भी कहा कि कई मतदाताओं ने सोशल मीडिया पर साझा किया है कि उनका नाम बिना किसी पूर्व सूचना के लिस्ट से गायब है।

मुजफ्फरपुर में गैस एजेंसी संचालक को दिनदहाड़े गोलियां, लूट या साजिश?

बूथ स्तर पर वोटर लिस्ट जारी करने की मांग

तेजस्वी ने आयोग से मांग की कि बूथ और कैटेगरी वाइज वोटर लिस्ट को सार्वजनिक किया जाए ताकि स्पष्ट हो सके कि किस आधार पर यह छंटनी की गई है। उन्होंने दावा किया कि कुछ नाम तो ऐसे हटाए गए हैं जो वर्तमान में सक्रिय मतदाता हैं।

तेजस्वी ने पहले भी पूछे थे 10 सवाल

कुछ दिन पहले भी तेजस्वी ने आयोग को ट्वीट कर 10 सवाल पूछे थे। इसमें उन्होंने जानना चाहा कि

  • क्या बीएलओ ने तीन बार घर जाकर सत्यापन किया?
  • मृत या अनुपस्थित घोषित किए गए लोगों का आधार क्या है?
  • क्या वोटर कार्ड कटने से पहले सूचना दी गई?

सेक्स पिल्स खाकर करता था ज़बरदस्ती, मना किया तो रेत दी पत्नी की गर्दन

तेजस्वी खुद विवादों में; एनडीए का पलटवार

जहां एक ओर तेजस्वी आयोग से सवाल पूछ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एनडीए नेता उन पर हमलावर हो गए हैं। बीजेपी और जेडीयू नेताओं ने उन पर दो वोटर कार्ड रखने का आरोप लगाया है। चुनाव आयोग से इस मामले की जांच की मांग भी की गई है।

बिहार चुनाव 2025 से पहले वोटर लिस्ट विवाद ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। डॉग बाबू जैसे फर्जी नामों का आना जहां एक ओर चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े करता है, वहीं विपक्ष इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहा है।

Share This Article
Exit mobile version