पटना: मंगलवार को पटना में स्थित पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास के बाहर तब तनावपूर्ण माहौल बन गया जब बड़ी संख्या में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के कार्यकर्ता मसौढ़ी की विधायक रेखा पासवान के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पहुंच गए।
प्रदर्शनकारियों ने रेखा पासवान पर भ्रष्टाचार, पक्षपात और 10 सालों से क्षेत्र में विकास न होने का आरोप लगाते हुए उनकी विधानसभा से बर्खास्तगी की मांग की।
लालू यादव की मौजूदगी में भड़का माहौल
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह विरोध कई घंटों तक चला। इसी दौरान जब लालू प्रसाद यादव अपनी नियमित सैर के बाद लौट रहे थे, तो प्रदर्शनकारियों ने उनके काफिले को घेर लिया और “रेखा पासवान हटाओ” के नारे लगाने लगे।
सुरक्षा कर्मियों ने भीड़ को हटाने की कोशिश की तो हल्की झड़प की स्थिति बन गई। हालांकि लालू यादव बिना प्रतिक्रिया दिए अपने घर की ओर बढ़ गए।
रेखा पासवान का पलटवार: “500 रुपये में खरीदे गए प्रदर्शनकारी”
घटना के बाद स्थानीय मीडिया से बात करते हुए रेखा पासवान ने आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा—
“ये सब पैसे देकर बुलाए गए लोग हैं। हर किसी को ₹500 से ₹1000 तक दिया गया। नेताजी ने हमें शांत रहने को कहा है और हम वही कर रहे हैं।”
रेखा पासवान ने यह भी कहा कि इस पूरे विरोध के पीछे उनके राजनीतिक विरोधी और पार्टी से निकाले गए सदस्य हैं।
उन्होंने कहा—
“नूतन पासवान अब RJD में नहीं हैं। वो भगोड़ी हैं। कुछ लोग उनका नाम लेकर भीड़ जुटा रहे हैं। असली कार्यकर्ता हमारे साथ हैं।”
प्रदर्शनकारियों के आरोप: “मसौढ़ी में विकास ठप, सिर्फ रिश्वत चल रही”
वहीं प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं ने MLA पर भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और जनता से दूरी के आरोप लगाए।
उन्होंने “Remove Rekha, Save Masaurhi” लिखे पोस्टर लहराते हुए देर रात तक धरना जारी रखा।
प्रदर्शनकारी चंदन यादव ने कहा—
“10 साल में मसौढ़ी में कुछ नहीं बदला। हमें लालू यादव जी पर भरोसा है कि वो हमारी सुनेंगे।”
एक अन्य कार्यकर्ता नुरुल प्रसाद ने कहा—
“रेखा देवी के समय में भ्रष्टाचार बढ़ा है, सबकुछ पैसे पर निर्भर है। अब नई उम्मीदवार चाहिए।”
रेखा पासवान कौन हैं?
रेखा पासवान एक दलित नेता हैं, जिन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में RJD के टिकट पर मसौढ़ी सीट से जीत हासिल की थी।
उन्होंने जेडीयू उम्मीदवार नूतन पासवान को 32,227 वोटों से हराकर कुल 98,696 वोट हासिल किए थे।
इस साल की शुरुआत में रेखा पासवान ने सड़क हादसे में मारे गए परिवारों को ₹2 लाख मुआवजा देने की मांग को लेकर धरना दिया था, जिसमें मिसा भारती ने भी साथ दिया था।
हालांकि हाल ही में उन्हें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की एक विवादित टिप्पणी के कारण चर्चा में देखा गया, जिसे महिलाओं और दलितों के प्रति अपमानजनक माना गया था।


