बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक पहचान को संजोए पटना संग्रहालय अब नए कलेवर में दिखने वाला है। भवन निर्माण विभाग 158 करोड़ रुपये की लागत से संग्रहालय का कायाकल्प कर रहा है। इसका काम अंतिम चरण में है। खास बात यह है कि संग्रहालय में दो नई दीर्घाएं — Ganga Gallery और Patli Gallery तैयार की गई हैं, जो दर्शकों के लिए खास आकर्षण होंगी।
गंगा दीर्घा में गंगा नदी की बिहार के सात सांस्कृतिक क्षेत्रों से गुजरती यात्रा को कलाकृतियों और सुंदर चित्रों से जीवंत किया गया है। यह दीर्घा गंगा की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को दर्शाएगी।
पाटली दीर्घा में मेगास्थनीज और फाह्यान के वर्णनों से सजेगा पाटलिपुत्र का गौरव
Patli Gallery पाटलिपुत्र यानी वर्तमान पटना के गौरवशाली अतीत को संजोए हुए है। इस दीर्घा में ग्रीक यात्री Megasthenes और चीनी यात्री Faxian (फाह्यान) के यात्रा वर्णनों के आधार पर प्राचीन राजधानी का वैभवशाली चित्रण किया गया है।
संग्रहालय में अब 2D प्रेक्षागृह, अस्थायी प्रदर्शनी हॉल, संरक्षण प्रयोगशाला, 105 सीटों वाला अत्याधुनिक ऑडिटोरियम और सुरक्षित भंडारण गृह भी बन चुका है।
हेरिटेज भवन का नवीनीकरण और आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस
भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने बताया कि हेरिटेज भवन की मरम्मत और दीर्घाओं के नवीनीकरण का कार्य तेजी से चल रहा है। संग्रहालय को ऑडियो-विजुअल तकनीक से सजाया जा रहा है ताकि दर्शक इतिहास को रोचक अंदाज में समझ सकें।
संग्रहालय परिसर में कैफेटेरिया से लेकर वीआईपी लाउंज तक की सुविधा
संग्रहालय परिसर को भी नया रूप दिया गया है। टिकट काउंटर के पास शेड, कैफेटेरिया, वीआईपी लाउंज और अस्थायी गैलरी का निर्माण भी पूरा हो चुका है। यह नया स्वरूप ना केवल स्थानीय लोगों बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी खास अनुभव देगा।



