बिहार में कांग्रेस पार्टी का ‘रोजगार मेला’ अब विवादों के भंवर में फंस गया है। नौकरी के सपनों के साथ पटना पहुंचे हजारों युवाओं को उस समय गहरा झटका लगा जब उन्हें मात्र 12-15 हजार रुपये की नौकरी का ऑफर मिला, वह भी बिहार में नहीं बल्कि महाराष्ट्र और राजस्थान में। कांग्रेस के इस मेले को लेकर अब आरोप लग रहे हैं कि पार्टी ने युवाओं की भावनाओं से खिलवाड़ किया और उन्हें पलायन के लिए मजबूर करने की साजिश रची।
ज्ञान भवन बना छल का केंद्र
राजधानी पटना के ज्ञान भवन में कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को रोजगार मेले का आयोजन किया था। उद्घाटन बिहार कांग्रेस प्रभारी Krishna Allavaru ने किया। दावा था कि युवाओं को बेहतर रोजगार दिलाया जाएगा, लेकिन हकीकत में यहां का मंजर कुछ और ही था। कांग्रेस ने रोजगार की आड़ में युवाओं को बिहार छोड़ने को मजबूर करने का खेल खेला।
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महज 12-15 हजार की नौकरी, वो भी बाहर
मेले में पहुंचे युवाओं ने खुलासा किया कि उन्हें 12 से 15 हजार रुपये की सैलरी वाली नौकरी दी जा रही थी, लेकिन काम करने की जगह बिहार नहीं बल्कि मुंबई और राजस्थान बताई गई। इससे युवाओं में भारी नाराजगी फैल गई। कई युवाओं ने कहा कि इतने कम पैसों में 1500 किलोमीटर दूर जाकर काम करना घाटे का सौदा है।
युवाओं ने बताया- कांग्रेस ने बुलाया झांसे में
सासाराम, मोतिहारी, मुजफ्फरपुर से आये युवाओं ने बताया कि अच्छे पैकेज वाली नौकरी का वादा कर कांग्रेस ने पटना बुलाया। लेकिन यहां आने पर हकीकत सामने आ गई। युवा बोले कि पार्टी को नौकरी देने से कोई मतलब नहीं, कांग्रेस का मकसद सिर्फ नौजवानों की भावनाओं को भुनाना था।
मीडिया पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं का हमला
जब मीडिया ने इस धोखे की पोल खोलनी चाही तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने गुंडई पर उतरते हुए पत्रकारों पर हमला बोल दिया। इससे साफ हो गया कि कांग्रेस ने सच छिपाने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी।
‘सबसे पुरानी पार्टी’ का पुराना चरित्र बेनकाब
कांग्रेस पर पहले भी युवाओं को ठगने और झूठे वादे करने के आरोप लगते रहे हैं। इस बार भी पार्टी का वही चेहरा सामने आया है। बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच कांग्रेस ने रोजगार मेला के बहाने सियासी जमीन मजबूत करने की कोशिश की, लेकिन सच्चाई सामने आते ही पार्टी की जमकर किरकिरी हो रही है।


