बिहार में शराबबंदी के बावजूद अवैध शराब का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा है। लखीसराय जिले से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पुलिस को भी हैरान कर दिया। पुलिस ने एक महिला को घर के रसोईघर में महुआ शराब बनाते हुए रंगेहाथों पकड़ लिया।
“दारू नहीं बनाएंगे तो क्या ईंटा पारेंगे?”
जब पुलिस ने महिला से सवाल किया कि आखिर वह शराब क्यों बना रही है, तो उसने बेबाकी से कहा— “दारू नहीं चुआएंगे तो क्या ईंटा पारने जाएं? घर बनाने में कर्ज हो गया है, उसे चुकाने के लिए यही काम करती हूं।”
महिला का यह जवाब सुनकर पुलिस भी हैरान रह गई। दरअसल, वह अपने आलीशान घर के किचन को ही शराब फैक्ट्री में बदल चुकी थी और लोकल सप्लाई करती थी।
गुप्त सूचना पर छापेमारी
रामगढ़ चौक प्रखंड के कामता नगर गांव में पुलिस को सूचना मिली कि एक घर में अवैध शराब बनाई जा रही है। थानाध्यक्ष मंटू कुमार के नेतृत्व में टीम ने छापा मारा और मौके से शराब बनाने की भट्ठी और महिला को पकड़ लिया। पुलिस ने सभी अवैध भट्ठियों को नष्ट कर दिया।
बिहार में ‘भूत’ क्यों बनी शराब?
बिहार में शराबबंदी कानून के बावजूद शराब को ‘भूत’ कहा जाता है, क्योंकि वह दिखती कहीं नहीं, लेकिन मिलती हर जगह है। लखीसराय का यह मामला दिखाता है कि आर्थिक मजबूरी और कर्ज़ जैसे हालात लोगों को अवैध कारोबार की ओर धकेल रहे हैं।


