15 जुलाई के बाद बिहार में रुक सकता है सरकारी कामकाज? 22 हजार डाटा इंट्री ऑपरेटरों ने दी हड़ताल की चेतावनी!

सरकारी योजनाओं के डिजिटल संचालन की रीढ़ माने जाने वाले डाटा इंट्री ऑपरेटर 11 सूत्री मांगों को लेकर सड़कों पर उतरने को तैयार, सरकार को 15 जुलाई तक की डेडलाइन

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Bihar Data Entry Operators Strike July 15 Warning
Bihar Data Entry Operators Strike July 15 Warning (Source: BBN24/Google/Social Media)

नीतीश झा ने दी सरकार को अल्टीमेटम—अगर 15 जुलाई तक मांगे नहीं मानी गईं तो 17 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल और सामूहिक भूख हड़ताल की शुरुआत होगी।

राज्यस्तरीय डाटा इंट्री ऑपरेटर एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष नीतीश झा ने साफ कर दिया है कि अगर सरकार ने हमारी 11 सूत्री मांगों पर कोई सहानुभूतिपूर्ण निर्णय नहीं लिया तो 22 हजार से अधिक डाटा इंट्री कर्मी हड़ताल पर चले जाएंगे।

डिजिटल इंडिया का आधार लेकिन अधिकार से वंचित

बिहार में BELTRON (बेल्ट्रॉन) से नियोजित डाटा इंट्री ऑपरेटर पिछले 25 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। इसके बावजूद उन्हें न तो सरकारी कर्मचारी का दर्जा मिला है और न ही पेंशन, प्रमोशन या स्थायी नियुक्ति जैसे सुविधाएं।

सरकार की मुख्यमंत्री उद्यमी योजना, जन वितरण प्रणाली, शिक्षा पोर्टल, और श्रम संसाधन पोर्टल जैसे महत्त्वाकांक्षी योजनाओं की रीढ़ यही ऑपरेटर हैं, लेकिन वे अपने भविष्य को लेकर अनिश्चितता में जी रहे हैं।

क्या हैं डाटा इंट्री ऑपरेटरों की 11 सूत्री मांगें?

इनकी प्रमुख मांगों में नियमितिकरण, सेवांत लाभ, संवर्ग गठन, समय पर वेतन, और स्थायी सेवा शर्तें शामिल हैं। ऑपरेटरों का कहना है कि वेतन के लिए भी कई बार महीनों इंतजार करना पड़ता है।

सरकार की चुप्पी से भड़के कर्मचारी, अब आंदोलन का मूड

नीतीश झा ने कहा कि सरकार की चुप्पी से कर्मियों में रोष है। अगर 15 जुलाई तक मांगें नहीं मानी जाती हैं तो 17 जुलाई से न केवल अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होगी बल्कि भूख हड़ताल का भी ऐलान किया जाएगा।

इस आंदोलन से जिला कार्यालय, ब्लॉक कार्यालय, पंचायत स्तरीय कार्य, और शिक्षा विभाग में कामकाज ठप हो सकता है।

क्या बिहार सरकार हड़ताल को रोकने में सफल होगी?

अब देखने वाली बात होगी कि क्या बिहार सरकार इस चेतावनी को गंभीरता से लेकर कोई समाधान निकालती है या फिर राज्यभर में डिजिटल कामकाज पूरी तरह रुक जाएगा।

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