बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी टीम का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। गुरुवार को Kishanganj जिले के Daula Panchayat में पदस्थापित अंचल अमीन निरंजन कुमार को 1 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया गया। बताया गया कि यह रकम अधिग्रहित भूमि के मुआवजे के लिए की जा रही नापी के बदले मांगी गई थी। आरोपी अमीन ने पीड़ित से 2 लाख की डील की थी, लेकिन निगरानी ब्यूरो की सटीक योजना के चलते वह पहली किस्त लेते ही पकड़ में आ गया।
कार्रवाई सुबह बस स्टैंड के पास की गई। जैसे ही Niranjan Kumar ने पीड़ित से रकम ली, मौके पर पहले से मौजूद निगरानी विभाग की टीम ने उसे दबोच लिया। इसके बाद आरोपी को पूछताछ के लिए गुप्त स्थान पर ले जाया गया है।
शिकायतकर्ता Mohammad Ajmer Alam, जो बलिया मंझौक गांव के निवासी हैं, ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में 30 जून को शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में बताया गया था कि सरकारी कार्य के लिए रिश्वत मांगी जा रही है। मामले के सत्यापन के बाद Vigilance Case Number 50/25 के तहत 9 जुलाई को FIR दर्ज की गई और योजना बनाकर जाल बिछाया गया।
प्रमोद कुमार और अभय यादव के ठिकानों पर भी छापेमारी
उधर, Economic Offences Unit (EOU) ने Executive Engineer Pramod Kumar के Patna, Saharsa और Sitamarhi स्थित छह ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की। Pramod Kumar पर वैध आय से 309 प्रतिशत अधिक संपत्ति रखने का आरोप है।
इसी क्रम में Khagaria में Madh Nishedh DSP Abhay Prasad Yadav के आवास पर Special Vigilance Unit की रेड डाली गई। आय से अधिक संपत्ति मामले में यह कार्रवाई की गई, हालांकि जब्त सामान की कोई आधिकारिक जानकारी अब तक सामने नहीं आई है।


